Friday 19 October, 2007

अपने हीं आंतकवाद की चपेट में फंसा पाकिस्तान, धमाके में 130 से अधिक की मौत

पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो के काफ़िले पर हुए आत्मघाती हमले में 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 600 से अधिक लोग घायल हैं ।इस घटना की भारत समेत विश्व के सभी देशों ने निंदा की। लगातार कड़ी आलोचना हो रही है। सभी भारतवासी इस घटना से दुखी हैं। भारत सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। यह हमला गुरुवार की रात 12 बजे के बाद हुई।इस हमले में बेनज़ीर भुट्टो बच गईं । बेनजीर 8 साल बाद पाकिस्तान लौटी. हमले के बाद किसने क्या कहा यह जान ले और फिर यह जानेगें कि आप यदि पड़ौसी का घर जलाओगे तो आपके घर में अपने आप हीं आग लग जायेगी।
परवेज मुशर्रफ(राष्ट्रपति पाकिस्तान) – लोकतंत्र के खिलाफ साजिश, दोषियों को छोड़ा नहीं जायेगा।
आसिफ ज़रदारी(बेनज़ीर के पति) – इस विस्फोट के लिये सरकार में शामिल कुछ लोग जिम्मेदार हैं। इसके पीछे लोकतंत्र के दुश्मन नहीं चाहते की लोकतंत्र बहाल हो।
बान की मून(संयुक्त राष्ट्र के महासचिव) – घटना की निंदा की और मृतक परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट की।
अमेरिका – यह एक आंतकवादी हमला है लोकतंत्र को रोका नहीं जा सकता।
चीन – पाकिस्तान में स्थिरता की जरुरत है।
ब्रिटेन -पाकिस्तान में शांति और लोकतंत्र की बहाली के लिए जो काम करना चाहते हैं. उन सभी लोगों के साथ ब्रिटेन मिलकर काम करेगी।इनके अलावा विश्व के कई और देशों ने बेनजीर पर हुये हमले की निंदा की।
बहरहाल, पाकिस्तान पिछले 20 सालों से भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ लगातार काम करता आ रहा है। भारत में जगह जगह विस्फोट करवा कर लोगों की जान लेने वाले आंतकियों को पाकिस्तान ने ही तैयार किया। एक दो नहीं दर्जनों कैंप बनवाये पाकिस्तान के अलग अलग स्थानों पर जहां आंतकियों को प्रशिक्षण दिया गया। इतना हीं नहीं पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में भी तालीबान को बढावा देकर वहां भारी तबाही मचवायी। पड़ौस में आग लगाने के बाद अब पाकिस्तान खुद परेशान है। पश्चिम इलाके में पाकिस्तानी सैनिको पर भी वहां के आंतकी भारी पड़ रहे हैं। समय समय पर यह खबर आती है कि 10 सैनिक मारे गये तो कभी 50 मारे गये। अब तो पाकिस्तान के शहरी इलामें भी सिलसिलेवार हमले होने लगे हैं। वहां न ते आवाम सुरक्षित है और न हीं नेता। जैसा बोओगे वैसा ही काटोगे। बहरहाल हम यही चाहते हैं कि पाकिस्तान में शांति बहाल हो। दुनियां के सारे मुल्क में शांति हो लेकिन पाकिस्तान और अमेरिका की सरकार ऐसा होने देगी ?

1 comment:

ePandit said...

पाकिस्तान अपनी ही करनी का फल भुगत रहा है। आतंकवाद का जो जिन्न उसने तैयार किया था अब वह धीरे धीरे उसी की चपेट में खुद आ रहा है। शायद कभी अब पाकिस्तान को सद्बुद्धि आए।