सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से कहा है कि वे गवाहों या अन्य लोगों के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी न करें। यदि अदालत को यह लगे कि गवाह या अन्य लोगों का व्यावहार उचित नहीं है फिर भी अदालत अशोभनीय टिप्पणी न करे। न्यायमूर्ति सी के ठक्कर और सतशिवम की पीठ ने कहा कि न्यायिक टिप्पणी सटीक, शालीन और उदार होना चाहिये। दहेज हत्या मामले में एक गवाह के संबंध में पंजाब की एक अदालत द्वारा की गई टिप्पणी के संदंर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया।Sunday, 14 October 2007
अदालतें अशोभनीय टिप्पणियां न करें– सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से कहा है कि वे गवाहों या अन्य लोगों के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी न करें। यदि अदालत को यह लगे कि गवाह या अन्य लोगों का व्यावहार उचित नहीं है फिर भी अदालत अशोभनीय टिप्पणी न करे। न्यायमूर्ति सी के ठक्कर और सतशिवम की पीठ ने कहा कि न्यायिक टिप्पणी सटीक, शालीन और उदार होना चाहिये। दहेज हत्या मामले में एक गवाह के संबंध में पंजाब की एक अदालत द्वारा की गई टिप्पणी के संदंर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)

No comments:
Post a Comment