Thursday 25 October, 2007

दाऊद ईब्राहिम के खिलाफ दाऊद फणसे का बयान

जीतेंद्र दीक्षित
बमकांड के मामले में दाऊद इब्राहिम की भूमिका का सबसे तगडा सबूत है लैंडिंग एजेंट दाऊद फणसे उर्फ टकले का का बयान। इस बयान में टकले ने दुबई में दाऊद और टाईगर के साथ हुई मीटिंग का ब्यौरा दिया और बताया कि किस तरह से वापस भारत लौटने के बाद उसने दाऊद के हुक्म के मुताबिक कोंकण में मौत का सामान उतरवाया। हथियारों और विस्फोटकों की लैंडिंग के दौरान टाईगर मेमन भी मौजूद था। टकला, टाईगर मेमन का लैंडिंग एजेंट था। लैंडिंग एजेंट होने का मतलब है कस्टम और पुलिस के उन तमाम लोगों से तालमेल रखना जिनसे की तस्करी में मदद मिलती है। टकले ने हथियार और विस्फोटको को उतरवाते वक्त भी इनका बखूबी इस्तेमाल किया और इस आरोप में ये कस्टम और पुलिस के अफसर दोषी भी ठहराये गये। यहां तक कि टकले का बेटा सरफराज फणसे भी लैंडिग के मामले में दोषी करार दिया गया।
मुंबई पुलिस के हाथों गिरफ्तारी के बाद दिये गये इकबालिया बयान में टकले ने अपनी, टाईगर मेमन, कस्टम और पुलिस अफसरों की भूमिका भी उगली है। गिरफ्तारी के वक्त टकले की उम्र 60 साल की थी। टकले ने अपने बयान में बताया कि जनवरी 1993 के आखिरी हफ्ते में दुबई से लौटने के 5-6 दिन बाद मैने अपने दोनो पार्टनर रहीम और दादभाई उर्फ शरीफ परकार को दाऊद इब्रराहिम के काम की बात कही तो दोनो ने मंजूरी दे दी। फिर जनवरी के आखिर के लगभग शफी ने मेरे को बताया कि माल आने वाला है तो मै इंतजार करके उन लोगों के साथ लगातार 3 दिन एकलैंडिंग स्पॉट(शेखाडी) गये, लेकिन माल आवने का इंतजाम नहीं हुआ तो मै वापस आ गया। फिर 3 फरवरी की सुबह को रहीम ने बताया कि दादाभाई का फोन आया था कि आज शाम को लैंडिग होनेवाली है। फिर मैने मसला के कस्टम अफसर कदम और नवलकर से बात की और पहले से तय की गई रकम 1 लाख 60 हजार रूपये आपको काम होने के बाद मिल जायेगी ऐसा कहने पर दोनो ने कहा कि ठीक है। तुम अपना काम करो। तुम्हे कोई तकलीफ नहीं होगी। फिर शाम को मैं रिक्शा में बैठकर लैंडिंग की जगह पर इकबाल के साथ पहुंचा।वहीं पर रहीम लांड्रीवाला, निसार, अब्बास, शाहजहां, मुजम्मिल समेत कई लोग हाजिर थे। रात के करीब 10 बजे टाईगर अपने आदमी अनवर, परवेज और 20-25 दूसरे लोगों के साथ वहां पर पहुंचा। टाईगर के साथ 8-10 लोगों ने बाहर पिस्तौल लगा रखी थी।टाईगर और अनवर, रहीम और मेरी तरफ आये। टाईगर ने रहीम से पूछा कि पानी के अंदर कोई ट्रॉलर भेजा या नहीं तो रहीम ने इशारा करके बताया कि वो अक बत्ती वाला ट्रॉलर अपना है। इतने में हमारे एक लडके ने आकर बताया कि कस्टम के लोग आये हैं। मैने देखा कि रोड की तरफ कस्टम इंस्पेक्टर तलवडेकर और गुरव खडे हैं। मैने टाईगर को उनसे जाकर बात करने को कहा। टाईगर ने ुनसे जाकर बात की और 15-20 मिनट बाद टाईगर वापस आ गया। इतने में पानी के अंदर बत्तीवाला ट्रॉलर बत्ती बुझाकर आया और बोला कि बॉम्बे वालों को अंदर बुलाया है। टाईगर और उसके साथ 5-7 लोग जलजी से अंदर जाकर ट्रॉलर पर चढ गये। मैने पहले से चय प्लान के मुताबिक खलील और इकबाल को बोरली से राशिद के ट्रक लाने को भेज दिया। इतने में रहीम ने भी माल उतरवाने के लिये गांव से 35-40 लडके जमा कर लिये। मैं और रहीम वापस किनारे पर आकर खडे हो गये। उसके लगभग आधे घंटे बाद एक ट्रॉलर किनारे पर आया और उसमें से टाईगर और उसके आदमी जलदी जलदी उतरकर किनारे पर आये। उन सबकी पीठ पर एक-दो भरे हुए बैग लटके थे। सब लोगों को टाईगर ने सडक के रास्ते ऊपर भेजा ऐर खुद अपने बैग के साथ पास की एक झोपडी में गया। खट खट की आवाज आने पर जब मैने वहां जाकर देखा तो पाया कि टाईगर अपने साथ के 3-4 लोगों को बंदूकें दे रहा था। इसके बाद उसने सबकी किनारे पर फील्डिंग लगाई। थोडी देर बाद दूसरा ट्रॉलर अंदर से सामान लेकर आया और रहीम ने गांव से जिन लोगों को बुलाया था उनसे माल उतरवाना शुरू हुआ। माल को किनारे लाकर रखने पर मैने देखा कि बोरियों में कुछ बक्सानुमा लिपटा है। इतने में खलील और इकबाल ट्रक लेकर आ गये और सारा सामान ट्रक में चठा दिया गया। इतने में दूसरा ट्रॉलर भी वैसा ही सामान लेकर किनारे पर आया और उस सामान को भी ट्रक पर चढा दिया गया। टाईगर ने बंदबक वाले 2-3 लडकों को पीछे ट्रक पर रखे सामान के पास बिठाया और कुछ लोगों को लकेर टाईगर अपनी जिप्सी में बैठा। मैं भी टाईगर के साथ जिप्सी में बैठा। कुछ देर बाद हम सब वांगणी गांव के पास टीवी टॉवर पर पहुंचे। टाईगर ने अपने आदमियों के अलावा हम सभी को बाहर ठहरने के लिये कहा। वाचमैन ने टाईगर को नीचे भेज दिया। हम सभी एक साईड में बैठ गये। टाईगर के लोगों ने ट्रक पर से सारा सामान नीचे उतारा। थोडी देर बाद टाईगर ने हमें आवाज दी। उसने खाली किये गये बक्सों को बाहर ले जाकर जलाने को कहा। हम जब अंदर गये तो हमने देखा कि टाईगर के आदमी बक्सो को कोल रहे थे और उसमें से राईफल, पिसेतौल, रिवॉल्वर, गोलियां और काला साबुन जैसी कोई चीज निकाल कर बाहर रख रहे थे। टाईगर उन सभी को गिनकर अपनी डायरी में नोट कर रहा था।
दाऊद फणसे के इस इकबालिया बयान को टाडा अदालत ने सही माना। अदालत उसकी भूमिका को देखते हुए उसे फांसीं दिये जाने लायक मान रही थी, लेकिन उसकी उम्र के मद्देनजर उसे सिर्फ उम्रकैद की सजा सुनाई गई। बहरहाल मुंबई की विशेष टाडा अदालत ने अपने आदेश में अंडरवर्लड डॉन दाउद इब्राहिम की भूमिका का खुलासा तो किया ही है, ये भी बात सामने आई है कि दाऊद का भाई अनीस इब्राहिम भी इस साजिश का हिस्सा था। अनीस इब्राहिम का जिक्र साजिश के लिये होने वाली मीटिंगों और संजय दत्त के मामले में आता है। सबूत अनीस इब्राहिम की बॉलीवुड में पैठ का भी खुलासा करते हैं।
दाऊद इब्राहिम के साथ ही उसका भाई अनीस भी था 12 मार्च 1993 को मुंबई में तबाही मचाने का जिम्मेदार। अनीस इब्राहिम की साजिश में भूमिका के सबूत मिलते हैं अन्य आरोपियों के इकबालिया बयानों के जरिये जिन्हें अदालत ने सही माना है। खासकर यहां इजाज पठान नाम के आरोपी का बयान काबिल-ए-गौर है। उसने अपने बयान में बताया -मुंबई में दंगों के बाद दुबई में मुस्तफा दोसा के घर एक मीटिंग बुलाई गई। मीटिंग में दाऊद इब्राहिम, अनीस इब्राहिम, मुस्तफा मजनू, यासीन कमजा, हैदर, सलीम तलवार, टाइगर मेमन और याकूब मौजूद थे। मीटिंग में मुंबई दंगों पर चर्चो हो रही थी। ये तय हुआ कि दंगों का बदला लेने के लिये कुछ किया जायेगा । आगे की कार्रवाई अगली मीटिंग में तय होगी, जिसका वक्त सभी को फोन पर इत्तला किया जायेगा। टाईगर मेमन भारत में हथियार भेजने की बात कर रहा था।"
संजय दत्त के मामले में भी अनीस इब्राहिम की भूमिका की बात सामने आती है। लेकिन टाडा अदालत ने अपने आदेश में कहा कि संजय दत्त ने हथियार अनीस इब्राहिम से नहीं बल्कि फिल्म जगत से जुडे हनीफ और समीर से लिये थे।.
समीर हिंगोरा और हनीफ कडावाला मैगनम वीडियो कंपनी के पार्टनर थे और 80 के दशक से ही दोनो की अनीस इब्राहिम से जान पहचान थी। समीर ने अपने बयान में बताया कि फिल्म के काम के सिलसिले में वो अक्स दुबई जाते रहता था, जहां उसकी मुलाकात दाऊद और अनीस से होती थी। उसने कई सारी फिल्मों के वीडियो राईट्स खाडी देशों के लिये किंग्स वीडियो को बेचे थे, जिसका मालिक अनीस इब्राहिम था। अल मंसूर वीडियो कंपनी में भी उसकी हिस्सेदारी है। हालांकि टाडा कोर्ट ने संजय दत्त पर ये टाडा ये कहकर हटा दिया कि उसने अनीस इब्राहिम से हथियार नहीं लिये लेकिन अदालत ने ये माना कि समीर हिंगोरा, अनीस इब्राहिंम के लिये काम करता था और उसी के कहने पर वो संजय दत्त के घर हथियार और एके-56 राईफलों को पहुंचाने अबू सलेंम के साथ गया। अनीस भी बमकांड के माले में भगोडा आरोपी घोषित किया गया है और गिरफ्त में आने पर उसक खिलाफ भी टाडा के तहत मुकदमा चलाया जायेगा।

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