Sunday, 5 August 2007

डॉन दाऊद इब्राहीम

राजेश कुमार
शेख दाऊद इब्राहीम कासकर
– भारतीय अपराध जगत में इससे बड़ा नाम अभी तक सामने नहीं आया। ये वो नाम है जिसे मुंबई पुलिस और खुफिया विभाग पकड़ने में आज तक सफल नहीं रही। अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहीम और उसके छोटे भाई अनीस इब्रहीम पर सबसे बड़ा और गंभीर आरोप है कि इन्होंने टाइगर मेमन के साथ मिलकर 12 मार्च 1993 को मुंबई विस्फोट के लिये खाका तैयार किया। इन धमाकों में 257 लोग मारे गये और 500 से ज्यादा लोग घायल हुये।

दाऊद इब्राहीम कहां है और कहां रह रहा है इस बारे में सही सही कहना मुश्किल है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनके पास इस बात की पक्की खबर है कि वह पाकिस्तान में है लेकिन जब तक इस मामले में पाकिस्तान सरकार कोई मदद नहीं करती तब तक दाऊद को पकड़ा नहीं जा सकता। आरोप यह भी है कि पाकिस्तान में रहते हुए दाऊद के संम्पर्क आंतकवादी संगठन अल कायदा और लश्करे तैय्बा से भी हो गये। अमेरिका ने भी दाऊद को आंतकवादियों( वर्ष 2003) की सूची में डाल दिया है। इसके बाद से पाकिस्तान भी परेशान है और उस पर दबाव बढ गया है कि वह दाऊद को ढूंढ निकाले। हालांकि पाकिस्तान ने भारत और अमेरिका को दो टूक शब्दों में कह दिया है कि दाऊद पाकिस्तान में नहीं है। और अपने दबाव को कम करने के लिये उसने अमेरिका को यह समझाने कि कोशिश की है कि दाऊद भारतीय है और वह एक बड़ा अपराधी है लेकिन आंतकवादी नहीं। इस लिये अमेरिका भी दाऊद के खिलाफ जोर शोर से मुहिम नहीं चला पाया। बहरहाल सभी जानते हैं कि अमेरिका को दाऊद से कोई लेना देना नहीं है वह सिर्फ भारत को नाराज़ करने की स्थिति में नहीं है इस लिये उसे आंतकवादी सूची में डाल दिया। उसे तो सिर्फ ओसामा चाहिये। ताजा चर्चा यह है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान छोड़ कर कजाकिस्तान पहुंच गया है। बताया जाता है कि यह इलाका नशीले पदार्थों की गतिविधियों के लिये काफी सुरक्षित माना जा रहा है।

दाऊद इब्राहीम का जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के खेर गांव में 26 दिसबंर 1955 को हआ । भारतीय कानून की रक्षा करने वाले इकबाल कासकर दाऊद के पिता थे जो बतौर पुलिस कांसटेबल कार्यरत रहे। लेकिन दाऊद ने 1975 में अपराध जगत की राह पकड़ी। एक समय के अंडरवर्ल्ड डॉन रहे करीम लाला और हाजी मस्तान के गैंग से जुड़ने के बाद दाऊद ने अपराध जगत की शुऱूआत, मुंबई के नागपाड़ा और डोंगरी इलाके से शुरू की।1981 में दाऊद के भाई शाबिर की हत्या कर दी करीम लाला के गैंग ने। इसके बाद उसने हर तरह के अपराध किये या करवाये( हत्या, तस्करी, जुआखाने, कालाबाजारी)। धीरे धीरे वह इतना ताकतवार हो गया कि नेता- पुलिस सभी सीधे सीधे दाऊद से पंगा लेना नहीं चाहते थे। दाऊद को जब इस बात का एहसास हो गया कि अपराध की दुनियां में उसका नाम ही काफी है तो उन्होने फिल्म और रियल स्टेट की ओर रुख किया। फिल्म में उसका दबदबा कितना है ये किसी से छिपा नहीं है । खबर है कि रियल स्टेट से पहले हफ्ता वसुली होती थी लेकिन आजकल हिस्सेदारी की मांग होती है।
एक समय ऐसा आया जब दाऊद को यह लगने लगा कि पुलिस और सत्ता में उनके तालमेल गड़बड़ा गये है और अपने ऊपर खतरा मंडराते देख उसने भारत छोड़ने का फैसला कर लिया। और उसने 1984 में अपने 5 भाईयों अनीस, नूरा, इकबाल, मुस्किम , हुंमायू और तीन बहनों जैतून,फरजाना और मुमताज के साथ दुबई चला गया।एक बहन हसीना मुंबई में हीं रह गई। इसके बाद तो दाऊद ने दुनियां के कई देशो में पैठ बना ली।और दुबई में बड़ा करोबार कर लिया। उसके अंतर्गत काम करने वाले लोग “ डी कंपनी” के सदस्य कहलाने लगे। ..................................... ( जारी है)

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