
अमेरिका अपने मित्र देश रहे इराक को खत्म कर दिया। अब बारी है पाकिस्तान की। पाकिस्तान को आज तक भरपूर मदद कर रहा है अमेरिका, लेकिन अब उस पर कड़ी नजर रख रहा है क्योंकि पाकिस्तान आंतकवादियों के लिए अफगानिस्तान से अधिक सुरक्षित जगह है। अमेरिकी सैनिक आज तक अफगानिस्तान में है, लेकिन उनकी तैनाती पाकिस्तान में इस वक्त संभव नहीं। ऐसे में पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सीमावर्ती इलाके के दुर्गम क्षेत्रों मे रहे रहे अलकायदा के सरगना को पकड़ना कोई आसान काम नहीं है। क्योंकि पाकिस्तानी सैनिक जहां अमेरिका के रहमोकरम पर है वहीं पाकिस्तानी जनता अब अमेरिका के खिलाफ है। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि इसका फायदा अवाम के बजाय आतंकवादी संगठन उठा रहे हैं।
स्थिति यहां तक पहुंच गई कि आंतकवादियों ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो को ही उड़ा दिया। बताया जा रहा है कि बेनजीर की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि वह अमेरिकी समर्थक थी। इससे अंदाजा लगा सकते है कि परमाणु संपन्न देश पाकिस्तान में अलकायदा और अन्य आतंकवादी संगठन कितनी गहरी पैठ बना चुका है। जिस आतंकवाद को पाकिस्तान ने पाला पोसा और जगह दी, आज वही उसे निगल रहा है। ये तो होना ही था। आज बेनजीर जैसी बढिया नेता मारी गई, कल कोई और मारा जायेगा। वहां के शासक ने आंतकवाद का जो बीज बोया है उसकी कीमत अब वहां की आवाम को भी चुकानी पड़ रहा है। हालात गंभीर हैं।
स्थिति को देखते हुए अमेरिका परमाणु संपन्न पाकिस्तान को खुला छोड़ने को तैयार नहीं और वहां की अवाम और आंतकवादी अमेरिका को बर्दाश्त करने को तैयार नहीं। ऐसे में पाकिस्तान गृह युद्ध की और बढ जाए तो गलत नहीं होगा। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है हालात को देखते हुए कि यदि भविष्य में पाकिस्तान का एक और विभाजन हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा।
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