Thursday, 20 September 2007

ओसामा ने धमकी दी मुशर्रफ को

एक कहावत है कि यदि कोई किसी के लिये गढा खोदता है तो प्रकृति उसके लिये खाई का इंतजाम कर देती है। यह कहावत पाकिस्तान के लिये सटीक है। आंतकवाद को संरक्षण देने वाला देश पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ अलकायदा ने युद्ध का ऐलान किया है। पाकिस्तान हमेशा नकारात्मक कामों को बढवा देता रहा खास कर भारत के खिलाफ। भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने आंतकवादियों को इतना अधिक मदद किया और कर रहा है कि भारत में आये दिन बम धमाके हो जाते हैं। दुनियां में पाकिस्तान को आंतकवादियों की राजधानी कहा जाने लगा। लेकिन आज पाकिस्तान दोराहे पर है। कहा जाने लगा है कि पाकिस्तान एक और विभाजन की और बढ रहा है। इसका संकेत खुद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्र नवाज शरीफ दे चुके है। उन्होंने यह भी कहा है कि सेना से टकराव भी संभव है। उधर आंतकवादी संगठन अलकाय़दा ने भी पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को धमकी दी है। यानि राष्ट्रपति मुशर्रफ पाकिस्तान के नेताओं के साथ साथ आंतकवादियों के निशाने पर भी हैं। वहीं मुशर्रफ को अमेरिका का समर्थन प्राप्त है। अमेरिका चाहता है कि जब तक ईरान का मामला निपट न जाये तब तक परवेज मुशर्रफ का राष्ट्रपति बने रहना बेहद जरुरी है। और साथ हीं अलकायदा से जुड़े आंतकवादियों का सफाया करते रहें। लाल मस्जिद में सैन्य कार्रवाई मामले में, अमेरिका ने मुशर्रफ की तारीफ की थी, वहीं अलकायदा ने धमकी दी।
आंतकवाद को बढावा देने वाला देश पाकिस्तान आज खुद आंतकवाद के चंगुल में है। मुशर्रफ - यदि अमेरिका का साथ देता रहा तो अलकायदा पाकिस्तान में तबाही मचाता रहेगा, ब्लुचिस्तान और पंजाब इलाके में औसामा बिन लादेन जनरल मुशर्रफ से अधिक लोकप्रिय है। और यदि अमेरिका का साथ छोड़ता है तो मुशर्रफ कितने दिनों तक अपने पद पर बने रहेंगै कहा नहीं जा सकता। ऐसे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश इफ्तकार चौधरी प्रकरण और लाल मस्जिद के मामले ने पाकिस्तान को दो भागों में बांट दिया है।

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