Monday, 4 February 2008

पुलिस भी पिटाई कर रही है उत्तर भारतीयों की

मुंबई में कानून को हाथ में ले रहे लोगों पर लगाम कसने की जिम्मेदारी मुंबई पुलिस की है, लेकिन आप तब क्या कहेंगे जब खुद पुलिस के ही लोग गुनहगारों का साथ देने लगें। रविवार को राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस के लोग निहत्तथे, गरीब लोगों को घेर घेरकर मुंबई की सडकों पर पीट रहे थे। दादर में भी ऐसी ही दरिंदगी प्रदर्शित कर रहे एमएनएस कार्यकर्ताओं ने एक उत्तर भारतीय को पकड कर बेरहमी से पीटना शुरू किया। इसी दौरान पुलिस की एक वैन वहां पहुंची। इस आदमी ने ये सोचकर राहत की सांस ली कि अब वो बौखलाए लोगों के लात घूंसों से बच जायेगा, पर पुलिस ने उसे बचाने के बजाय खुद अपने कब्जे में लेकर उसे पीटना शुरू कर दिया और जबरन अपनी वैन में ठूंसने की कोशिश करने लगे। ये बेचारा चिल्लाते रहा ...साहब गरीब आदमी हूं..छोड दीजिये... पर पुलिस का दिल जरा भी नहीं पसीजा, वैन के अंदर भी पुलिस कर्मियों ने उसकी पिटाई की। इस आदमी को वैन में ठूंसने के बाद पुलिस अधिकारी ने एमएनएस क्रायकर्ताओं की भीड से जो कहा वो चौंकाने वाला था। स्पीकर पर मराठी में उस अधिकारी ने कहा- चलिये अब आप का काम हो गया। पुलिस की ओर से ही अपना काम होते देख एमएनएस कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड गई और वे तालियां बजाने लगे।

No comments: