फिल्म हीरोईन बिपाशा बसु को एशिया की सबसे सेक्सी महिला चुना गया है। ये दावा है ब्रिटिश पत्रिका ‘ईस्टर्न आई’ का। बिपाशा कम कपड़े पहन कर धमाल करती रहती हैं। लोग उसे सेक्सी गर्ल कहते हैं। बिपाशा कम कपडे पहन कर पैसा कमाती रहती है। वे कम कपड़े पहने लेकिन अपने घर में तो किसी को एतराज नहीं होगा। लेकिन टीवी और पत्रिकाओं के लिये जो शॉट्स देती हैं उसे क्या कहेंगे? कुछ लोग उसे वेश्यावृति का हीं एक हिस्सा मानता हैं। बारबालाओं के डांस पर रोक तो लगायी जा सकती है लेकिन बिपाशा जैसी मॉडल पर रोक लगाना किसी सरकार की बस मे नहीं क्योंकि मंत्री या अधिकारी बनते हीं लोग हाई प्रोफाइल हो जातें हैं। उन्हें लगता है कि फाइव स्टार जैसे हॉटल में साक्षात्कार डांस देखने का मौका उन्हें भी मिल जायेगा। एक नज़र एशिया की सबसे सेक्सी महिला पर ..
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4 comments:
आश्चर्य है कि विपाशा के कम कपड़े पहनने पर तो आपको आपत्ति है पर उनकी तस्वीरें छापने में नहीं!
यही तो मजा है। आलोक भाई। दिखाकर बताया कि ये अच्छा नहीं है। :)
भाई जी, शरीर दिखाने के पैसे उसीको मिलते हें जिसके पास अच्छा शरीर होता है और अच्छा शरीर हर किसी के पास नहीं होता। आपके पास के जिम से जो लड़के लोग कसरत लगा कर अपनी छाती, डौले दिखाते हैं, उनपर भी रोक लगवा दीजिये। क्या पता कल वो भी कम्पीटीसनों में जाकर खूब पैसा बटोरने लगें।
आपके सवाल पूर्वाग्रह से ग्रसित है। आप महिलाओं के बारे में अपनी राय बड़ी आसानी से दे गए, लेकिन महिलाएं यह काम क्यों करती है या उनसे ऐसा कौन करवाता है, कौनसी व्यवस्था इसके पीछे काम करती है, ये सारे सवाल दरकिनार कर दिये !
यहाँ आलोक जी की बात से जोड़ते हुए यह कहूँगा कि आप 'महिला' को किस तरह से देखते है, किस तरह से उसे पेश करते है, यही बातें तय करवाती है कि कोई 'बिपाशा' कैसे perform करें और कैसे कपड़े पहने !!
एक बात और, सवाल क्या पहनने और क्या नहीं पहनने का नहीं है, सवाल यह है कि पुरुष को जब अपनी सत्ता में महिला का हस्तक्षेप नज़र आता है तब महिलाओं के लिए तमाम नियम-कायदे और नैतिकता की दुहाई दी जाती है... क्यों ? (आपकी पोस्ट देखकर यही लगता है कि आप न्यूज़पेपर में खबरों से ज्यादा 'बॉलीवुड मसाला' ज्यादा पढ़ते होंगे)
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