Thursday 20 March, 2008

पत्रकार शिवानी की हत्यारे को सजा सोमवार को

शिवानी हत्याकांड को लेकर देश में बवंडर मच गया था क्योंकि इस हत्या में सीधे तौर पर एक आईपीएस आधिकारी रविकांत शर्मा का नाम उछला। इतना ही नहीं उस समय और तहलका मचा जब भाजपा के एक बड़े नेता जो अब दिवंगत हो चुके हैं उनका नाम भी सामने आया। ये आरोप रविकांत शर्मा की पत्नी ने दिवंगत भाजपा नेता का नाम लेकर कहा था कि शिवानी की हत्या में उनके पति को फंसाया जा रहा है जबकि हत्या का मुख्य आरोपी को बचाया जा रहा है क्योंकि केन्द्र में उनकी सरकार है। शिवानी की कई लोगों से मधुर संबंध थे उन्हीं में एक शर्मा जी भी थे। कहा जाता है कि प्यार के चक्कर में ये अधिकारी कुछ ऐसे दस्तावेज शिवानी को सौंप दिये जो उनके करियर को तबाह करता। उस दस्तावेज के आधार पर शिवानी उसे अपने साथ शादी करने के लिये दबाव बनाती रही और परेशान होकर शर्माजी ने उसकी हत्या करा दी।

बहरहाल इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार शिवानी भटनागर हत्याकांड ,में अदालत द्वारा कसूरवार ठहराए गए चार आरोपियों को सजा अब होली के बाद सोमवार को सुनाया जायेगा। दिल्ली की कडक़ड़डुमा कोर्ट ने 18 मार्च को मामले के मुख्य आरोपी रविकांत शर्मा (प्रधानमंत्री कार्यालय में ओएसडी रह चुके हरियाणा कैडर के आईपीएस अफसर) प्रदीप शर्मा , श्रीभगवान और सत्यप्रकाश को दोषी ठहराया। शिवानी भटनागर की 23 जनवरी 1999 को पटपड़गंज के नवकुंज अपार्टमेंट स्थित उनके फ्लैट में हत्या कर दी गई थी। जिस वक्त उनकी हत्या हुई वह घर पर अकेली थीं।

एक नजर घटनाक्रम पर - 30 जुलाई 2002: अभियुक्त श्रीभगवान गिरफ्तार , 2 अगस्त: प्रदीप शर्मा, 17 अगस्त: सत्यप्रकाश गिरफ्तार और 30 सितंबर: वेदप्रकाश गिरफ्तार । 27 अगस्त: आईपीएस अफसर रविकांत शर्मा का हरियाणा के अंबाला कोर्ट में सरेंडर, पुलिस उसे लेकर दिल्ली पहुंची । 28 सितंबर: क्राइम ब्रांच ने शर्मा को औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया । 25 अक्टूबर 2002: चार्जशीट दाखिल । 3 मार्च 2003: सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय, 20 मार्च 2003: पहला गवाह के बयान दर्ज और 23 अगस्त 2006: आखिरी गवाह के बयान दर्ज हुये। अगस्त 2007 में सरकारी पक्ष की बहस और नवंबर 2007 में बचाव पक्ष की बहस शुरू । 4 - 5 मार्च 2008: सरकारी पक्ष ने सफाई पेश की । 18 मार्च - मुख्य आरोपी सस्पेंड आईपीएस अफसर रविकांत शर्मा , प्रदीप शर्मा , श्रीभगवान और सत्यप्रकाश को दोषी ठहराया गया।
आईपीएस अधिकारी के वकील कह चुके हैं कि वे जिला अदालत के फेसले के खिलाफ हाई कोर्ट जायेंगे।

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