tag:blogger.com,1999:blog-74346975695330503202024-03-05T15:07:43.093+05:30क्राइम डायरीराजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.comBlogger80125tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-70767598064835159202009-01-06T21:57:00.005+05:302009-01-06T22:28:15.743+05:30बेनजीर हत्या की जांच रुकवाया राष्ट्रपति जरदारी ने। आंतकवादियों को नहीं सौपेगा। जरदारी को राष्ट्रपति बनाने में आंतकवादियो की मुख्य भूमिका<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjqFxIpVXL8rV-OP43cstGZlEeRhZCiaCpwiFfnB_zgtvMG7ybXA84leZs9ZzuAVoc96if41zocoJLdUl-1FeEa4YmgF-zoHny3AbdzISJwyVLpGfKuDeqkDxdxNYSzt7ZQs6Gi1naD_SU/s1600-h/map_pakistan.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5288220942826941922" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 318px; CURSOR: hand; HEIGHT: 320px; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjqFxIpVXL8rV-OP43cstGZlEeRhZCiaCpwiFfnB_zgtvMG7ybXA84leZs9ZzuAVoc96if41zocoJLdUl-1FeEa4YmgF-zoHny3AbdzISJwyVLpGfKuDeqkDxdxNYSzt7ZQs6Gi1naD_SU/s320/map_pakistan.jpg" border="0" /></a> <strong>प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी</strong> आप कुछ भी कर ले पाकिस्तान एक ही रट लगायेगा कि मुंबई हमले मामले में पकड़ा गया आंतकवादी मोहम्मद अजमल कसाब पाकिस्तानी नहीं है। मुंबई हमले मे किसी भी सरकारी पाकिस्तानी ऐजेंसी का हाथ नहीं है। भारत में हो रहे आंतकवादी हमले में पाकिस्तान स्थित आंतकवादी गतिविधियों के बारे में पाकिस्तान की सरकार पहले भी नकारती रही है लेकिन इस बार हमारे पास पुख्ता सबूत होते हुए भी पाकिस्तान नकार रहा है।<br /><br />प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी आप पाकिस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से उम्मीद न करे कि वह आसानी से मान जायेगें कि मुंबई हमले में पाकिस्तान या पाकिस्तान स्थित किसी आंतकवादी संगठन का हाथ है। क्योंकि जो राष्ट्रपति जरदारी अपनी पत्नी बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया हो उससे आप क्या उम्मीद कर सकते हैं। बेनजीर की हत्या आंतकवादियो ने ही की। कहा जाता है कि राष्ट्रपति जरदारी और आंतवादियों के बीच जबरदस्त सांठगांठ है। इसे इस प्रकार कहे कि राष्ट्रपति जरदारी को पाकिस्तान की सत्ता तक पहुंचाने के लिये आंतकवादियों ने बेनजीर की हत्या को अंजाम दिया तो गलत नहीं होगा। बेनजीर की हत्या की जांच को आगे बढाने को लेकर पाकिस्तान में भी रैलियां निकाली जा रही है। यदि राष्ट्रपति जरदारी का हाथ अपनी पत्नी के हत्या में नहीं है तो आखिर क्या वजह है कि राष्ट्रपति जरदारी आंतकवादियों के खिलाफ कदम उठाने से डर रहे हैं? आखिर क्यों आंतकवादी संगठन तालिबान ने पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर भारत के खिलाफ युद्द लड़ने का ऐलान किया ?<br /><br /><strong>क्या भारत को पाकिस्तान पर हमला करना चाहिये</strong> ? इसका एक लाईन में उत्तर है नहीं। इस पर दर्जनों सवाल उठ सकते हैं ? लेकिन मेरा मानना है कि दोनो देश परमाणु ताकत है। ऐसे में हमला करना उचित नहीं होगा क्योंकि आज की तिथि में हम जीत कर भी हार जायेंगे। परमाणु का डर नहीं है लेकिन यदि युद्व होता है तो भारत कुछ ही समय में पाकिस्तान को नेस्तनाबूद कर देगा। वह ऐसे युग में चला जायेगा जहां टेली विजन औ र रेडियो सपने लगते होंगे। लेकिन हमें भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। भारत 15 से 20 सालों के अंदर आर्थिक जगत में दुनिया का नेतृत्व करने वाला है वहीं युद्व होने पर हम कम से कम 30 साल पीछे छुट जायेंगे। जानमाल का नुकसान होगा सो अलग।<br /><br /><strong>पाकिस्तानी आंतकवादियों हमले का हल क्या है ?</strong> आज की तारीख में इसका हल यही है कि भारत अपनी रक्षा पंक्ति मजबूत रखे, खुफिया सूचना के आधार पर देश के अंदर आंतकवादियों को मार गिराये और संयम से काम करे। युद्द अंतिम रास्ता है। भारत को संयम से ही काम करना चाहिये। क्योंकि <strong>पाकिस्तान खुद ही टूट की कगार पर है।</strong> पाकिस्तान में सत्ता के चार केंद्र हैं – (1) राष्ट्रपति (2) प्रधानमंत्री (3) सेना अध्यक्ष और (4) आईएसआई । इसमें भी पाकिस्तान का सेना अध्यक्ष काफी ताकतवर है। इसके इतिहास से पूरी दुनियां वाकिफ है। यहां सब लोग मजे में है लेकिन पाकिस्तान की जनता बेहाल है।<br /><br />पाकिस्तान चार प्रांतो में बंटा हुआ है 1.बलूचिस्तान 2.नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस 3.पंजाब और 4. सिंध । इसके अलावा चार प्रशासनिक क्षेत्र हैं 5.इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र 6.संघीय प्रशासित ट्राईबल क्षेत्र 7. पाक अधिकृत कशमीर और 8.उत्तरी क्षेत्र। यानी कुल मिलाकर पाकिस्तान आठ भागों में है। इनमें से दो राज्य बलूचिस्तान और नॉर्थ फ्रंटियर प्रोविंस पाकिस्तान सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। और यह इलाका लगभग आधा पाकिस्तान है। आप पाकिस्तान के नक्शे को देख समझ सकते हैं। इन्हीं इलाके में तालिबानी आंतकवादियों का बोलबाला है।<br /><br /><strong>बलूचिस्तान और नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस </strong>में अमेरिका के दबाव में पाकिस्तानी सेना और आंतकवादियों के बीच लगातार एक दूसरे पर हमले की खबर आती है जब अमेरिका को यह लगता है कि पाकिस्तानी सेना आंतकवादियों के खिलाफ कुछ नही कर रही है तो पाकिस्तान की इजाजत के बिना अमेरिकी जहाज पाकिस्तान में घुस कर बमबारी करते रहती है। यह एक आजाद मुल्क के लिये शर्म की बात है।<br /><br />परवेज मुशरर्फ जब पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष और राष्ट्रपति थे तब पाकिस्तान की सेना बलूचिस्तान और नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस में तालिबानी आंतकवादियों के खिलाफ तेज कारवाई हो रही थी लेकिन आज नहीं। यहां उल्लेखनीय है कि शासन किसी का भी हो लेकिन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर इलाके में आंतकवादियों को वहां की सरकार हमेशा मदद करते रही है। आंतकवादियों के पास वे सारी सुविधायें जो पाकिस्तान की सेना के पास है।<br /><br />ऐसा मालूम पड़ता है कि अमेरिकी सेना के हमले से बचने के लिये हीं पाकिस्तानी आंतकवादियों ने एक योजना बनाई जिसमें आसिफ अली जरदारी से साठगांठ किया गया और बेनजीर की हत्या कर दी गई । और भावनाओं के बल पर जरदारी राष्ट्रपति बन बैठे। यही कारण है कि राष्ट्रपति जरदारी आंतकवादियों के खिलाफ कदम नहीं उठा पा रहे हैं।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-72344441014367819102008-12-31T21:10:00.005+05:302008-12-31T21:19:29.816+05:30धोनी को दाऊद के नाम पर धमकी, सुरक्षा व्यवस्थी और कड़ी की गई<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjCprx9j-UsEPdXDAw-3Fcw4KjWDiQV4hdACpEll69bKX2IDDe4_QuF2yfp2Oitb-19TlHoV_8X86fcXHmEka4rzKhH0LOrHtbbeOC4NCHQfCaSfjzReZey3AyY4aLKacKt58oJPdQPngA/s1600-h/Dhoni+2.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5285980913891971170" style="FLOAT: left; MARGIN: 0px 10px 10px 0px; WIDTH: 93px; CURSOR: hand; HEIGHT: 124px" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjCprx9j-UsEPdXDAw-3Fcw4KjWDiQV4hdACpEll69bKX2IDDe4_QuF2yfp2Oitb-19TlHoV_8X86fcXHmEka4rzKhH0LOrHtbbeOC4NCHQfCaSfjzReZey3AyY4aLKacKt58oJPdQPngA/s320/Dhoni+2.jpg" border="0" /></a> भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को धमकी दी गई है कि वह 50 लाख का इंतजाम कर ले नहीं तो अच्छा नहीं होगा। तुम्हारे परिवार को मार दिया जायेगा। यह धमकी रांची स्थित उनके घर पत्र भेजकर दी गई है। उन्हें कुल दो पत्र मिले हैं। पहले पत्र में धमकी था तो दसूरे में धमकी के साथ हिदायत थी कि पहले पत्र की धमकी को यू न हीं लें।<br /><br />धमकी देने वालों ने अपने आपको अंडरवर्लड डॉन दाऊद का आदमी बताया है। इस मामले की झारखंड पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। महेंद्र सिंह धोनी की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत कर दी गई है। राज्य के उप मुख्यमंत्री ने सुधीर महतो ने कहा है कि धोनी की सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कमी नहीं की जायेगी। धोनी की सुरक्षा में महिला पुलिस को भी लगाया गया है ताकि लडकियां उन्हें बेवजह परेशान न कर सके।<br /><br /><br />धोनी के परिवार को पहला पत्र 29 दिसंबर को मिला और दूसरा 31 दिसंबर यानी आज मिला। रांची की एस एस पी संपत मीणा ने कहा इस पत्र के पीछे किसी लोकल गुंडा का षडयंत्र मालूम पड़ता है। लेकिन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए छानबीन तेज कर दी गई है।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-58257490558211129282008-12-30T18:53:00.002+05:302008-12-30T19:05:15.847+05:30भाजपा कार्यालय से लगभग ढाई करोड़ रूपये की चोरीभाजपा के वरिष्ठ नेतागण परेशान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें और क्या न करें ? साल 2008 जाते जाते भाजपा को लगा गया लगभग ढाई करोड़ का चूना और नेताओं की ईमानदारी पर प्रश्न चिन्ह। दिल्ली के 11 अशोक रोड स्थित भाजपा कार्यालय में बीते शनिवार को जब भाजपा नेता अपनी पार्टी फंड का हिसाब किताब कर रहे थे तब उसने पाया कि पार्टी फंड से लगभग ढाई करोड़ रूपये गायब हैं।<br /><br />अब सवाल है कि रूपये किसने गायब किये ? इस बारे में कोई भी भाजपा का अधिकारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं। मजेदार बात यह है कि भाजपा चाहती है कि इस मामले का पता जल्द से जल्द चल जाये लेकिन वह पुलिस में शिकायत करना नहीं चाहती। खबर है कि इसके लिये भाजपा प्राईवेट जासूसों का सहारा ले रही है जो जांच करेगी।<br /><br />शक भाजपा के नेताओं और कर्मचारियों पर ही जा रहा है क्योंकि पैसे का गबन भाजपा के खंजाची रूम के लॉकर से हुई है।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-64304402987877740022008-12-24T17:37:00.003+05:302008-12-24T17:44:36.266+05:30पाकिस्तान का परमाणु बम आंतकवादियों से दूर नहीं। राष्ट्रपति जरदारी आंतकवादियों के बीच का ही आदमी है। क्या जरदारी ने हीं अपनी पत्नी की हत्या करवायी ?पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टों की हत्या में क्या उन्हीं के पति आसिफ अली जरदारी (वर्तमान राष्ट्रपति,पाकिस्तान) का हाथ है? पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी जिस प्रकार से आंतवादियों के समर्थन में, भारत के साथ युद्ध करने को भी तैयार हैं यह सब कुछ बेनजीर की हत्या की ओर भी इशारा करता हैं। कुछ कडियों को जोड़ने पर साफ मालूम पड़ता है कि बेनजीर की हत्या में उनके ही पति का हाथ हो सकता है। और इसमें आंतकवादी संगठन और आईएसआई का एक बड़ा नेटवर्क जुड़ा हुआ है।<br /><br />1. हथियारो से लैस अपराधी बैनजीर के पास तक कैसे पहुंचा ?<br />2. बेनजीर की हत्या कैसे हुई इसको लेकर भ्रम क्यों फैलाया गया ? पहले रिपोर्ट आई कि गोली लगने से हत्या हुई। फिर कुछ समय बाद यह क्यो कहा गया कि बेनजीर की मौत गोली से नहीं हुई।<br />3.बेनजीर के पति आसिफ अली जरदारी ने बेनजीर की दुबारा पोस्टमार्टम क्यों नहीं होने दी? जिससे सच्चाई सामने आ जाती।<br />4. बेनजीर की मौत के बाद राजनीति में न आने की दुहाई देने वाले जरदारी राष्ट्रपति बन क्यों बन बैठे। अपने बेटे को सिर्फ मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया। यदि पहले ही कह देते कि वे राजनीति में आ रहे है तो आम जनता को धोखा नहीं होता।<br />5. जरदारी के राष्ट्रपति बनते हीं आंतकवादियों की गतिविधियां तेज हो गई। उन्हें सेना और आईएसआई से भरपूर सुरक्षा और मदद मिलने लगी।<br />6. मुंबई में हुए आंतकवादी हमले के बाद राष्ट्रपति जरदारी आंतवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने की वजाय उन्हें बचाने पर क्यों जुटे? क्या उन्हें डर है कि आंतकवादियों के खिलाफ कार्रवाई किये तो आंतकवादी संगठन उसके पोल खोल देंगे।<br />7. मुंबई में पकड़े गये आंतकवादी कसाब के बारे में पाकिस्तानी मीडिया, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सभी कह रहे हैं कि वह पाकिस्तानी है लेकिन पाकिस्तानी सरकार साफ इंकार कर रही है।<br />8. मुंबई हमले के बाद आंतकवादी संगठन के कुछ बड़े प्रमुख को पकडने के बाद क्यों कहा कि वह पाकिस्तान में नहीं है।<br />7. लश्करे- तैय्यबा सहित सभी आंतकवादी संगठन ने जरदारी को क्यों समर्थन दिया कि यदि भारत के खिलाफ जंग होता है तो उसके एक लाख ट्रैंड लोग पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर लड़ेगी।<br /><br />पहले से ही कहा जा रहा है कि पाकिस्तान दुनियां के लिये गंभीर खतरा बनने जा रहा है। अब यह दिखने भी लगा है। पाकिस्तान को आंतकवादियों की राजधानी कहा जाये तो गलत नही होगा। आसिफ जरदारी का राष्ट्रपति बनना यह संकेत करता है कि आंतकवादियों के बीच का ही कोई आदमी राष्ट्रपति बन बैठा है। यानी पाकिस्तान का परमाणु बम आंतकवादियों से दूर नहीं है। ऐसे में आंतकवादी कोई बहुत बड़ी घटना को भी अंजाम दे सकते हैं। आंतकवादी कोई बड़ा हमला करे इससे पहले ही ठोस कार्रवाई कर देनी चाहिये। चाहे पाकिस्तान पर हमला ही क्यों न करना पड़े। यदि आप हमला नहीं करते हैं और कल फिर यही घटना दुहराई जाती है तो फिर क्या करेंगे ?राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-69872117300536310902008-12-02T21:47:00.003+05:302008-12-02T21:52:06.768+05:30भारतीय कमांडो का ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो कामयाब रहा लेकिन मुंबई में आंतकी हमले ने कई सवाल छोड गये<div align="justify"><strong>मुंबई पुलिस</strong> ने साफ कर दिया है कि मुंबई हमले में शामिल आंतकवादियों की संख्या दस थी जिसमें से नौ को मार गिराया गया है और एक पुलिस की हिरासत में है। ये सभी आंतकवादी कराची से चले थे। ये लोग कराची से एक शीप से चले। गुजरात पहुंचने के बाद इनलोगों ने एक ट्रॉलर हाईजैक कर मुंबई के समुद्री इलाके मे पहुंचे। उसके बाद एक छोटे नाव से कोलाबा पहुंचे। ये सभी दस के दस आंतकवादी दो-दो ग्रुप में बंट गये। हर आंतकवादी के पास ए के 47 सीरिज के गन, ग्रेनेड था। आंतकवादियों ने दो-दो ग्रुप में बंट पांच टैक्सी हायर की और अपने टारगेट को निकल पड़े। पांचो टैक्सी में टाईम बम लगा दिये गये। भायकला और विले पार्ले की टैक्सी में विस्फोट हो गया। आंतकवादियों के मुख्य निशाने पर था हॉटल ताज, हॉटल ऑबराय, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन, नरीमन हाउस, और कैफे लियोपॉल्ड। मुंबई पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि आंतकवादियों में कोई महिला नहीं थी।<br /><br /><strong>बहरहाल</strong> पाकिस्तानी आंतकवादियों का मुंबई पर हमला भारत के खिलाफ युद्व का ऐलान है। युद्व इस लिये कह रहा हूं कि पाकिस्तान की सेना भारत की सेना से टकरा नहीं सकती। इसलिये वो आंतकवादियों को कंमाडो ट्रेनिंग देकर आत्मघाती दस्ते के रुप में भारत के खिलाफ काम कर रहा है। बम धमाके का मामला पहले जम्मू कश्मीर तक सीमित था अब देश के अंदर तक हमले हो रहे हैं। दिल्ली-मुंबई कहीं भी आंतकवादी धमाके कर रहे है। मुंबई धमाके पर एक रिपोर्ट - </div><div align="justify"><br /><strong>26 नवंबर की रात लगभग 10 बजे</strong> - मुंबई की रफ्तार सामान्य गति से चल रही थी. अचानक कुछ जगहों पर गोली चलने की ख़बर आई। सबसे पहले खबर आई कि अंडरवर्ल्ड के दो गुटो के बीच गोलीबारी हो रही है। फिर तेजी से खबर आई कि होटल ताज, होटल ऑबराय, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन, नरीमन हाउस, कामा हॉस्पीटल और कैफे लियोपॉल्ड में गोली बारी हो रही है फिर समझने में देर न लगी कि यह अंडरवर्ल्ड का गैंगवार नहीं बल्कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर आंतकवादियों का हमला है। <br />हमले की खबर मिलते हीं मुंबई पुलिस की एटीएस ने जितना जल्दी हो सका कारवाई शुरू कर दी। तब आंतकवादियों की अंधाधुंध गोलीबारी से दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी थी दर्जोनों लोग घायल। एटीएस प्रमुख हेमत करकरे, एडिशनल सीपी अशोक कांप्टे और एनकांउटर स्पेशलिस्ट विजय साल्सकर को भी गोली लगने की खबर आई।<br /><br /><strong>रात लगभग 12 बजे</strong> - जैसे जैसे समय निकल रहा था मृतको और घायलों की संख्या बढती जा रही थी। हॉटल ताज, हॉटल ऑबराय, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन, नरीमन हाउस, कामा हॉस्पीटल और कैफे लियोपॉल्ड में आंतकवाद गोलीबारी कर रहे थे। एक तरह से इन स्थलों पर आंतकवादियों ने कब्जा जमा लिया था। कुछ जगहो को तो खाली करा लिया गया लेकिन हॉटल ताज, हॉटल ऑबराय और नरीमन हाउस पर आंतकियों ने कब्जा जमा लिया और देशी-विदेशी कई लोगों को बंधक बना लिया। आंतकवाद ए के 47 सीरीज के गन, ग्रेनेड, पिस्टल, ड्रायफ्रूट आदि से लैस थे। कुछ ही समय बाद यह मालूम चलने लगा कि ये आंतक वादी कोई साधारण आंतकवादी नहीं है बल्कि वे लोग हथियार चलाने और लड़ाई लड़ने में माहीर है।</div><div align="justify"><br /><strong>26/27 नवंबर की रात लगभग 2 बजे</strong> - अंतत: केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने भी इन हमलों को आंतकवादी हमला बताया। और बताया कि 200 एनएसजी कमांडो मुंबई के लिए रवाना हो चुके हैं। क्योंकि आंतकवादी जिस तरह से रणनीति बनाकर गोली बारी कर रहा था वह कोई साधारण नहीं था बल्कि उस तरह का रणनीति युद्व कौशल में माहीर सेना हीं बनाती है। इसलिये उनसे टकराने के लिये कंमाडो की जरूरत थी पुलिस पुरानी राय़फल से उनके सामने कहां तक टिकती। इसी बीच समय समय पर ये भी खबर आने लगी कि एटीएस प्रमुख हेमत करकरे, एडिशनल सीपी अशोक कांप्टे और एनकांउटर स्पेशलिस्ट विजय साल्सकर शहीद हो गये। सेना और कंमाडो ने मोर्चा संभाल लिया था। दोनो ओर से गोली बारी हो रही थी। सुबह चार बजे मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख ने भी संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि स्थितियो से अवगत कराया।<br />.<br /><strong>27 नवंबर की सुबह- </strong>दुनिया के तमाम देशो ने मुंबई में हो रहे आंतकी हमले की नींदा की। लेकिन इधर मुंबई मे गोलीबारी जारी थी। सुबह होते ही सेना ने कार्रवाई तेज कर दी। दिन के ग्यारह बजे खबर आई कि अबतक कुल 115 लोग मारे जा चुके हैं। लगभग 250 लोग घायल हैं। मृतको में देशी-विदेशी नागरिको के अलाव पुलिस के जवान और पांच आंतकवादी। इसी बीच यह भी खबर आने लगी कि आंतकवादियों ने सुमद्री रास्ते का इस्तेमाल किया। यह चर्चा 26 नवंबर की रात से ही थी। दिल्ली में भी आपातकालीन बैठक शुरू हो गई। शाम को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि मुंबई में हमला करने वालों की तार विदेशों से जुड़े हुए हैं। रेसक्यू ऑपरेशन जारी था कई लोगों की जान को बाचाया जा चुका था। गोलीबारी हो रही थी। इस हमले की जिम्मेवारी डेकन मजुहिदीन नामक संगठन ने ली। हालांकि ये सभी लश्कर से जुडे हुए संगठन है। </div><div align="justify"><br /><strong>27 नवंबर की शाम-रात</strong> – गोलीबारी और ग्रेनेड के धमाको से आवाज गुंज रहा था। लोगो में दहशत था। पुलिस ने मीडिया से आग्रह किया कि लाईव कवरेज न करें क्योंकि आंतकवादियों को मोबाइट फोन और सेटे लाइट फोन से उनके आका अपने गुर्गे को कंमाडो की स्थितियों को बता रहे हैं। गोलीबारी होती रही मृतको की संख्या बढती रही। ताज हॉटल में आग खबरे पहले से ही लगातार आती रही। कभी समुद्री साइड में तो कभी पीछे के साइड।<br />.<br /><strong>28 नवंबर, शुक्रवार का दिन</strong> – सुबह सुबह जोरदार कमांडो ऑपरेशन शुरू हो गया नरीमन हाउस में। चौपर से कमांडो उतारे गये नरीमन हाउस के छत पर। बड़ी संख्या में रात में ही कमांडो और सेना ने मौके पर पहुँच चारो ओर पोजिशन ले लिये थे। चॉपर से छत पर कमांडो के उतरते ही जोरदार हमला शुरू गया। सेना उनको कवरअप दे रही थी। गोलाबारी कमांडो ने शुरू की। आंतकी सोच भी नहीं सकते थे कि उनको इस तरह घेर लिया जायेगा। जैसे ही खबर मिली की आंतकियों ने 5 इजरायली नागरिको की हत्या कर दी है उसके बाद कमांडो ने हमले तेज कर दिये। वे सिर्फ रुक रुक कर हमले कर रहे थे कि किसी भी तरह इजरायली नागरिक को छुड़ा लिया जाये। सेना ने लॉन्चर की मदद से हथगोलों को हाउस के अंदर दागना शुरू किया। बहरहाल, फायरिंग और कंट्रोल्ड बलास्ट के सहारे कमांडो ने नरीमन हाउस को आंतकियों से मुक्त करा लिया गया। नरीमन हाउस पर गोलीबारी हो ही रही थी कि इसी बीच ऑबराय हॉटल से नब्बे से अधिक लोगों को रिहा करवाने की खबर पहुंची। दोपहर तक ऑबराय हॉटल को आंतकवादियों से कमांडो-सेना ने मुक्त करा लिया। यहां से बडी संख्या में लाशें मिली। यहां के दो आंतकवादियों को कमांडो ने मार गिराया। </div><div align="justify"><br /><strong>28 नवंबर, शाम के बाद</strong> – नरीमन हाउस की कार्रवाई के बाद ताज हॉटल को आंतकियों की चंगुल से छुडाने की कार्रवाई तेज हो गई। कमांडो और सेना के और जवान पहुंच गये। आधी रात के बाद सेना आधी रात के बाद सेना और कमांडो के नए दस्ते ताज भीतर प्रवेश करना शुरू किया। पूरी रात गोलियां चलती रही। आंतकियो ने ताज में कई जगह आग लगाई। कई लोगो को मौत के घाट उतार दिया। रुक रुक कर गोलियां चलती रही। आंतकवादी हेंड ग्रेनेड का भी इस्तेमाल कर रहा था।<br /><br /><strong>29 नवंबर – रातभर चली गोलीबारी के बाद सुबह</strong> कमांडो दस्ते ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी। पूरा ताज हॉटल गूंज उठा। सुबह लगभग सवा नौ बजे एनएसजी के प्रमुख ने ऐलान किया कि तीन आंतकवादी को मार गिराया गया। हॉटल की तलाशी जारी है। फिर ऐलान हुआ कि औपरेशन ब्लैक टॉरनेडो पूरा हुआ। इसी बीच एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के अंतिम संस्कार हुआ। हजारों लोग जुटे थे. पूरे शहर में मातम सा माहौल था। लोग गुस्से से भरे थे। </div><div align="justify"><br />इस घटना के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया। भाजपा के लोग केंद्र सरकार के खिलाफ बोल रहे थे और इस्तीफे की मांग कर रहे थे। कांग्रेस पार्टी के लोग कह रहे थे कि प्लेन हाईजैक, लाल किले और संसद पर आंतकवादी हमले के बाद क्या आडवाणी ने इस्तीफा दिया था फिर वे लोग इस्तीफे की मांग कैसे कर रहे हैं।<br /><br /><strong>बहरहाल</strong> राजनीतिक दांवपेंच से उपर उठकर समस्याओं से निपटने की जरूरत है नहीं तो लोगो का गुस्सा राजनेताओं के खिलाफ कभी भी फूट सकता है चाहे वे किसी भी दल के नेता क्यों न हों? मुंबई हमले ने कई सवाल छोड़ गये हैं जिस पर शासन को विचार करना चाहिये। </div>राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-6280945749664431502008-09-30T22:51:00.003+05:302008-09-30T22:57:11.765+05:30महिला टीवी पत्रकार की गोली मार कर हत्यामहिला प्रड्यूसर सौम्या विश्वनाथन की गोली मार कर हत्या कर दी गई। दिल्ली के पॉश इलाके वंसत कुंज के पास गोली मारकर हत्या की गई। वह ड्यूटी पूरी होने के बाद देर रात घर लौट रही थीं। हत्यारे ने सौम्या की कार के टायर में गोली मारकर उन्हें रोका। इसके बाद कार का शीशा तोड़ सौम्या को गोली मारी। पहले यह मामला कार दुर्घटना का लग रहा था लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो सका कि सोम्या दुर्घटना में नहीं मरी बल्कि उसे गोली मारी गई है। २६ वर्षीय सौम्या जेएनयू रेडलाइट से आगे वसंत कुंज इलाके में सुबह के साढे तीन बजे के आसपास अपनी कार में मृत पाई गईं। उनकी कार रोड डिवाइडर से टकराई हुई थी। उनका घर वसंत कुंज में है।<br />खून में लथपथ सौम्या ड्राइविंग सीट पर आगे की ओर झुकी हुई पड़ी थीं। उनकी मौत मौके पर ही हो चुकी थी। हालांकि उन्हें एम्स लाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एक गोली उनके सिर के दाएं हिस्से में लगी। कार के एक टायर में भी गोली लगी थी। कार की हालत से साफ था कि रुकने से पहले कंट्रोल से बाहर हो चुकी थी और काफी दूर तक घिसटती चली गई थी।<br /><br />हत्या की पुष्टि होते हीं पुलिस टीम ने जांच में तेजी लाते हुए हर संभल कोशिश कर रही है कातिल का जल्द से जल्द पता लगाकर दोषियो को सजा दिलायी जाये। कार के अंदर बाल के गुच्छे भी मिले हैं। सोम्या की कार के एक साइ़ड ब्लू रंग का निशान है। हो सकता है जिस कार ने टक्कर मारी है हत्यारा जिस गाड़ी में सवार था उस गाड़ी का निशान हो। फरेंसिक टीम भी इस काम में जुट गई है। सोम्या के मोबाइल की भी जांच की जा रही है कि सोम्या ने किन किन लोगों से बातचीत की।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-22689447260754670362008-09-17T16:30:00.003+05:302008-09-17T16:37:52.077+05:30विधायक सुनील पांडे को आजीवन कारावासबिहार के बाहुबली विधायक सुनील पांडे सहित पांच लोगों को आजीवन कारावास और 50-50 हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। ये सजा उन्हें डॉ रमेश चंद्र के अपहरण के मामले में सुनाया गया है। जिला सत्र न्यायाधीश विजय कुमार मिश्रा ने जनता दल यूनाईटेड के निलंबित विधायक सुनील पांडे, ललन शर्मा, अनिल सिंह, मुन्ना सिंह और धीरज कुमार को डॉ रमेश के अपहरण मामले में दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।<br /><br />बिहार में एक समय इतने अपहरण होने लगे थे कि बिहार को अपहरण का उद्योग कहा जाने लगा था। इसमें कई बाहुबली नेता शामिल थे। लेकिन कोई प्रमाण नहीं मिलने के कारण वे बच निकलते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से न्यायपालिका ने काफी तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। इसी का परिणाम है कि बिहार के कई बाहुबली नेता इन दिनों सलाखो के पीछे हैं। इनमें से कोई हत्या में शामिल है तो कोई अपहरण में। सभी लोग संगीन अपराध में लिप्त पाये गये हैं और जेल में हैं।<br /><br />मुहम्मद शहाबुद्दीन, राजेश रंजन यादव उर्फ पप्पू यादव, सूरजभान सिंह, आनंद मोहन सिंह, सुनील पांडे, राजन तिवारी ऐसे दर्जनों बाहुबली हैं जो सरेआम पुलिस-प्रशासन को चुनौती देते रहे हैं। ये लोग जब जेल से बाहर थे उस दौर में बिहार अपहरण उद्योग के नाम से जाने जाना लगा था। आज भी अपहरण का सिलसिला जारी है। लेकिन राज्य में जिस प्रकार से पुलिस-प्रशासन- न्यायलय काम कर रही है उसे देख यही लगता है कि अब लोग अपराध करने से जरूर डरेंगे। यहां भी भयमुक्त वातावरण बनेगा। उद्योग धंधे लगेगे। लोगो को रोजगार मिलेगा। यदि अपराध पर लगाम नहीं लगता है तो बिहार का उद्योगिकरण होना बहुत मुश्किल है। बेरोजगारी बनी रहेगी।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-88215674732473753172008-09-13T21:06:00.002+05:302008-09-13T21:08:34.996+05:30दिल्ली धामके में 18 की मौत, एक छोटा बच्चा ने देखा आंतकवादियों को बम रखते हुए, दो जिंदा बम बरामददिल्ली में हुए आंतकवादी हमले में मरने वालों की संख्या लगातार बढती जा रही है। अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। 80 से अधिक लोग घायल है। 30 मिनट में पांच धमाके हुए हैं। इस बीच खबर आई है कि आंतकवादियों को बम रखते हुए एक आठ साल का छोटा बच्चा ने अपने आंखों से देखा है। पुलिस ने पूरे दिल्ली इलाके को घेर कर छानबीन शुरू कर दी है। इस दौरान इंडिया गेट और रिगल बिल्डिग के पास से पुलिस ने बम बरामद किया है।<br /><br />चश्मदीद बच्चे ने बताया कि आंतकवादी काले रंग का कुर्ता पाजामा पहने हुए था। चेहरे पर हल्का हल्का दाढी था। इस बच्चे को पुलिस अपने साथ ले गई है। पुलिस उससे घटनाओं के बारे में और जानना चाहेगी ताकि आंतकवादियों के हुलिये के बारे मे और जानकारी मिल सके।<br /><br />इस बम धमाके के पीछे इंडियन मुजाहिदीन का नाम आ रहा है। जिन जगहों पर विस्फोट हुए वे जगह हैं – कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क, कनॉट प्लेस के पास ही मोहन दास बिल्डिंग, ग्रेटर कैलाश और करोल बाग।<br /><br />जिन-जिन जगहों पर विस्फोट हुए वे सभी राजधानी के भीड़भाड़ वाले इलाके हैं। इनमें कनॉट प्लेस राजधानी दिल्ली का हर्ट है। मोहनदास बिल्डिंग भी दिल्ली के हर्ट में हीं है। करोल बाग देश में महत्वपूर्ण बाजारों में से एक है। ग्रेटर कैलाश पॉश इलाका है। यहां देश करोड़पति लोग रहते हैं।<br /><br />गुजरात के बाद दिल्ली में हुए विस्फोट ने सुरक्षा सिस्टम को नये सिरे से विचार करने पर मजबूर कर दिया है। आंतकवादियों को पकडने के लिये पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-82427492979700983382008-09-13T19:56:00.003+05:302008-09-13T19:59:19.079+05:30दिल्ली में आंतकवादी हमला, पांच से अधिक की मौत, इंडियन मुजहिदीन ने ली जिम्मेदारीदिल्ली में चार जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए। इसमें पांच से अधिक लोगो की मरने की खबर हैं और 80 से अधिक लोग घायल हैं। इस बम धमाके के पीछे इंडियन मुजाहिदीन का नाम आ रहा है। जिन जगहों पर विस्फोट हुए वे जगह हैं – कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क, कनॉट प्लेस के पास ही मोहन दास बिल्डिंग, ग्रेटर कैलाश और करोल बाग। ये सारे बम कुड़ेदान में रखे गये थे।<br /><br />जिन-जिन जगहों पर विस्फोट हुए वे सभी राजधानी के भीड़भाड़ वाले इलाके हैं। इनमें कनॉट प्लेस राजधानी दिल्ली का हर्ट है। मोहनदास बिल्डिंग भी दिल्ली के हर्ट में हीं है। करोल बाग देश में महत्वपूर्ण बाजारों में से एक है। ग्रेटर कैलाश पॉश इलाका है। यहां देश के करोड़पति लोग रहते हैं।<br /><br />गुजरात के बाद दिल्ली में हुए विस्फोट ने सुरक्षा सिस्टम को नये सिरे से दुरूस्त करने पर विचार करने को मजबूर कर दिया है। आंतकवादियों को पकडने के लिये पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है। ऐहतियात के सारे कदम उठाये जा रहे हैं।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-23403613182893675232008-07-30T23:17:00.003+05:302008-07-30T23:23:36.947+05:30बम धमाके को लेकर राजनीति - हाई अलर्ट के बावजूद सूरत में बम प्लांट कैसे हुए?अहमादबाद धमाके में 49 लोगों की मौत हो गई। भाजपा नेता सुषमा स्वराज कहती है कि इस धामके के पीछे यूपीए का हाथ हो सकता हैं। लोकसभा में विश्वासमत के दौरान नोटों का जो खेल हुआ उसे दबाने के लिये हीं ऐसा किया गया है। श्रीमती स्वराज एक जानी मानी नेता हैं। केन्द्र में मंत्री रह चुकी है वो इस प्रकार का बयान कैसे दे सकती है। भाजपा के हीं कुछ नेताओं ने सुषमा के बयान को बचकाना बताया।<br /><br />सुषमा जी तो क्या यह मान लिया जाय कि कारगिल युद्ध आपकी योजना का ही एक हिस्सा था केन्द्र में अगली सरकार बनाने के लिये ? क्या यह मान लिया जाय कि संसद पर हमला एनडीए सरकार की योजना से हुई ? क्या यह मान लिया जाय कि लाल किला पर हमला भी एनडीए की योजना से हुआ ? क्या यह मान लिया जाये कि विमान से आंतकवादियों को अफगानिस्तान पहुंचाने या जेल से छुडाने की योजना एनडीए की थी?<br />ये सारे देश के ऐतिहासिक आंतकवादी घटनायें आपके ही शासन काल में हुए।<br /><br />जो समास्याएं हैं उसे समस्याएं ही रहने दें। आंतकवादी घटनाओं का जो विस्तार हुआ है उसमें आप जैसे और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे नेताओं का हाथ है। गुजरात में लगातार तीन महीने तक दंगे होते रहे और सरकार चुप रही। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी भी चुप रहे। इस दंगे में दर्जनों लोगों की हत्या हुई सरकारी संरक्षण में। महिलाओं की इज्जत तार तार कर दी गई। और ऐसे हीं मौके की तलाश में रहती है पाकिस्तान की खुफिया एंजेसी आईएसआई को।<br /><br />आईएसआई पहले से हीं भारत में तबाही मचाने के लिये बम विस्फोट कराता रहा है। उसे ऐसे लोगों की तलाश थी जो आम भारतीयों के बीच का हो। और यह मौका दे दिया अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस, मुंबई और गुजरात के दंगों ने। बाबरी मस्जिद विघ्वंस, मुंबई दंगे और मुंबई विस्फोट 1993 के बाद लोग सब कुछ भूलने लगे थे लेकिन गुजरात दंगे ने सब कुछ ताजा कर दिया। आईएसआई ऐसे लोगों को ढूढने लगी जिसका परिवार दंगे में मारा गया हो और सब कुछ लूट गया हो। इस काम में आईएसआई सफल दिख रहा है। बम विस्फोट हो रहे हैं। दर्जनों लोग की हत्या हो रही है। लेकिन कोई पकड़ा नहीं जा रहा है।<br /><br />सूरत में कमाल हो गया। 22 बम बरामद हुए। पुलिस ने सफलता पूर्वक निष्क्रिय कर दिया। कमाल हो गया। बम दुकान के छत पर मिल रहे हैं। बम पुलिस चौकी के सामने, पेड़ो पर लटके मिल रहे हैं। आश्चर्य इस बात की है कि आंतकवादियों ने इतने खतरे मोल कर बम लगाये और विस्फोट नहीं किये। आंतकवादियों को क्या फर्क पड़ता है कि पचास मरे या सौ। सूरत में मिल रहे बम एक साथ कई सवाल खड़ा करता है।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-67858415956671789502008-07-27T16:26:00.002+05:302008-07-27T16:32:37.276+05:30बम विस्फोट के पीछे का मकसदऐसा पहली बार हुआ कि लगातार दो दिन और दो शहरों में क्रमश: बैंगलोर और अहमदाबाद में बलास्ट हुए। और आंतकवादी संगठन ने ई-मेल के मार्फत मुंबई में भी विस्फोट करने की धमकी दी। आखिर इन हमलों का मकसद क्या है? कुछ भी समझ नहीं आ रहा। लेकिन जो चर्चाएं हो रही हैं उनपर ध्यान दें तो कई बातें सामने आती हैं –<br /><br /><strong>1.</strong> आंतकवादी संगठन जैसे पहले देश को तबाह करने की कोशिश में विस्फोट करता आया है क्या ये धमाके उसी का हिस्सा है? <strong>2.</strong> अमेरिकी विरोधी आंतकवादी संगठन जो यह नहीं चाहता था कि भारत और अमेरिका के बीच परमाणु करार हो। लेकिन करार की ओर बढते हुए भारत के कदम और विश्वासमत हासिल होने के दो ही दिन बाद विस्फोट का सिलसिला शुरू हो गया। क्या ये विस्फोट होने वाले परमाणु करार को लेकर कराये जा रहे है? <strong>3.</strong> अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के परिवार के खिलाफ लगातार पुलिस के बढते शिकंजे को प्रभावित करने की मकसद से कहीं ये विस्फोट तो नहीं करवाये जा रहें हों ? <strong>4.</strong> कुछ लोगों का कहना है कि चुनावी माहौल को अभी से सांप्रदायिकता की आग में झोकने की कोशिश तो नहीं हो रही है? <strong>5.</strong>राजस्थान, कर्नाटक और अब अहमदाबाद इन सभी राज्यों में विस्फोट हुए आखिर भाजपा शासित राज्यों में हीं विस्फोट क्यों हो रहे हैं?<br /><br />बहरहाल जितनी मुंह उतनी बात। लेकिन एक बात सत्य है कि विस्फोट हो रहें हैं। बेगुनाह लोगों की मौत रही है। अहमदाबाद में हुए सिलसिलेवार 17 बम धमाकों में 45 लोगों की मौत हो गई। सौ अधिक लोग घायल हैं। मृतकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। ये 17 धमाके सिर्फ 90 मिनट के अंदर ही हो गये। आज भी अहमदाबाद के हठकेश्वर इलाके से टाइमर लगा बम बरामद हुआ जिसे निष्क्रिय कर दिया गया। शुक्रवार को बैंगलोर में और शनिवार को अहमदाबाद में हुए सिलसिलेवार बम धमाके ने हिला कर रख दिया। धमाके में बारूदी सामग्री के अलावा साइकिलों का इस्तेमाल किया गया। <br /><br />गुजरात में सांप्रदायिक दंगे के इतिहास को देखते हुए वहां ऐहतियात के तौर पर सेना को बुला लिया गया है। सेना ने आज फ्लैग मार्च जारी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नये सिरे से सुरक्षा की स्थिति का जायजा लेने और भविष्य में होने वाले इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने की मकसद से उच्च स्तरीय बैठके शुरू कर दी है। देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।<br /><br /> <strong>अगला निशाना</strong> – अगला निशाना मध्य प्रदेश और मुंबई हो सकता है। स्टार न्यूज को मिले एक ई-मेल के हवाले से कहा गया है कि मुंबई में भी जल्द हीं बम विस्फोट किये जायेंगे। मुंबई को आतंकवादियों का अगला निशाना बनाए जाने वाले ई-मेल मिलने के बाद शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मुंबई और मध्य प्रदेश में भी हाई अलर्ट जारी है।<br /><br />आतंकवादी संगठन बंबई स्टॉक एक्सचेंज, सिद्धविनायक मंदिर और मंत्रालय को अपना निशाना बना सकते हैं। इसी बीच ऐंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने नवी मुंबई के सोनापाड़ा क्षेत्र से एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि अहमदाबाद में शनिवार को विस्फोटों से पहले इसी व्यक्ति के घर से यह ई-मेल भेजा गया था। जो जानकारियां सामने आ रही हैं उसके अनुसार पूछताछ के दौरान उक्त व्यक्ति ने सुरक्षा व जांच एजेंसियों को बताया कि उसे यह ई-मेल कहीं और से मिला था और उसने मीडिया को भेज दिया ताकि सुरक्षा एजेंसियां सचेत हो जाएं।<br /><br />बहरहाल, आंतकवादी संगठन चाहे कितनी भी कोशिश कर ले । देश की एकता और अंखडता को तोड़ना उसके वश में नहीं है।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-59038304048709329782008-07-11T19:49:00.001+05:302008-07-11T19:54:11.438+05:30बेचारी आरूषि<strong>बेचारी आरूषि।</strong> अब इस दुनियां में नहीं है। इसकी हत्या कर दी गई बेहरमी से। इसके बाद भी इसकी हत्या को लेकर मजाक बना दिया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस कहती है कि आरूषि की हत्या में इसके पिता डा़ राजेश तलवार की भूमिका हो सकती है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में इस मामले को सौंप दिया गया सीबीआई को। सीबीआई ने इस मामले में डा. राजेश तलवार को निर्दोष करार देते हुए उसके नौकर हेमराज के दोस्तों राजकुमार, कृष्णा और विजय मंडल को आरोपी बनाया है। इनलोगों पर ये भी आरोप है कि इनलोगों ने आरूषि के साथ साथ अपने दोस्त हेमराज की भी हत्या कर दी। पर कृष्णा की भांजी कह रही हैं कि सीबीआई असली आरोपी को बचा रही है।<br /><br /><strong>आरूषि के पिता के खिलाफ कोई सबूत नहीं</strong> - सीबीआई के ज्वाइंट निदेशक अरूण कुमार ने साफ कर दिया है कि आरुषि की हत्या में उसके पिता डॉ. राजेश तलवार का कोई हाथ नहीं है। तलवार दंपती के साइको एनैलिसिस और पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद यह निर्णय लिया गया। उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। सीबीआई के अनुसार हत्या को लेकर जो मामले सामने आये हैं वे निम्नलिखित प्रकार से है। आरूषि की हत्या को लेकर ऊहापोह में रहे सीबीआई ने अपनी जांच की बुनियाद बनाई आरूषि के घर को। उन्होंने परीक्षण किया कि एसी चलने के दौरान यदि आरुषि के कमरे से चिल्लाने की आवाज आये तो उसके पिता डा. राजेश तलवार की कमरे तक आवाज जाती है या नहीं। परीक्षण के दौरान पाया गया कि नहीं।<br /><br /><strong>सीबीआई की नई थ्योरी</strong> - शक की सुई कृष्णा की ओर गहरा गई। जिस रात कत्ल हुई थी उसके अगले दिन सुबह डा. राजेश तलवार की पत्नी डा. नूपुर तलवार ने घर के कामकाज करने वाली के आने पर हेमराज के मोबाइल पर फोन किया। फोन उठाने के बाद काट दिया गया। कॉल को ट्रैस करने पर मालूम चला कि फोन आसपास के इलाके में ही किसी के पास है। यानी फोन ऐसे व्यक्ति के पास है जो आरूषि के घर बेधड़क आता जाता हो। और जहां तक हेमराज और आरुषि को एक साथ कमरे में देखने वगैरह की कहानी कृष्णा की बनाई हुई थी।और उसने ही जांचकर्ताओं को गलत दिशा में भेजने की कोशिश की। इसलिए शक की सुई कृष्णा की ओर घूमी। नारको एनैलिसिस टेस्ट में कृष्णा ने हत्या की बात कबूली और उसमें दो और लोगों-राजकुमार और विजय मंडल- के नाम सामने आए। हत्या की रात क्या हुआ (सीबीआई) : राजकुमार ने बताया कि हेमराज के बुलावे पर मैं उसके घर पहुंचा। वहीं पर कृष्णा पहले से था। शराब पिये हुए था। मेरे बाद विजय मंडल पहुंचा। शराब का दौर चला। इसी दौरान आरूषि के बारे में बातचीत हुई। नशे में वे आरुषि के कमरे में पहुंच गए और उसके साथ गलत हरकत करने की कोशिश की। आरुषि के विरोध करने पर उन्होंने उसके माथे पर भारी चीज से हमला किया जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद ये सभी छत पर आ गए जहां उनका हेमराज से झग़ड़ा हुआ। यह झगड़ा बढ़ गया और इन तीनों ने हेमराज की हत्या कर दी। इसके बाद तीनों वापस आरुषि के कमरे में गए और उसका गला रेत दिया। दरअसल, हेमराज का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव और आरुषि का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव था। छत पर आरुषि के रक्त के अंश कहीं नहीं मिले जबकि हेमराज के रक्त के अंश आरुषि के कमरे में भी पाए गए।<br /> <strong>सीबीआई के बातों में क्या दम है ?</strong> सीबीआई चाहे जितना भी दावा करे लेकिन उसके पास कोई ठोस सबूत नहीं है। न्यायलय में यह केस कितना टिक पायेगा कहा नहीं जा सकता। कृष्णा की भांजी दावे के साथ कह रही है कि कृष्णा कत्ल वाली रात घर पर था।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-31445379237686651442008-07-10T23:06:00.002+05:302008-07-11T00:01:45.343+05:30न्यायलय को जातीय राजनीति में न घसीटेंजातीय आरोप-प्रत्यारोप से न्यायलय भी नहीं बच पाई । राजनीति और प्रशासनिक विभाग में जातीय आरोप-प्रत्यारोप का मामला बहुत सामान्य है। लेकिन न्यायलय जिसके प्रति देश की जनता की आस्था बनी हुई है यदि उसे चोट पहुंचता है तो यह देश के लिये अच्छा नहीं होगा।<br /><br />इसलिये सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के अधिवक्ता रोहिन एन पांडया और पंकज कोटेचा के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। वकील पांडया और वकील कोटेचा ने एक जनहित याचिका दायर कर बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश के खिलाफ आरोप लगाय है कि मुख्य न्यायधीश मारवाड़ी हैं इसलिये वे मुंबई और अन्य स्थानों पर मारवाड़ी समाज से जुड़े न्यायधीशों की नियुक्ति कर रहे हैं। और किसी खास समुदाय के तरफदारी के पीछे हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार का दिमाग है जो कि मारवाड़ी है।<br /><br />इस पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जे बालाकृष्ण की अध्यक्षता वाली पीठ ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर अधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा है कि अधिवक्ता के खिलाफ क्यों नहीं कार्रवाई की जानी चाहिये। सालिसिटर जनरल ने कहा कि यह जनहित याचिक कंलकपूर्ण है। यह वक्त है न्याय पालिका को बचाने का।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-10529010482625094802008-07-07T15:39:00.000+05:302008-07-07T15:40:50.607+05:30भारतीय दूतावास पर आत्मघाती हमला 41 की मौतआंतकवादियों की गतिविधियां लगातार बढती जा रही है। कल पाकिस्तान के लाल मस्जिद में हुए आंतकवादी हमले के बाद आज अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर आत्मघाती हमले में भारतीय सेना के एक ब्रिगेडियर आर डी मेहता समेत 41 लोगों की मौत हो गई। और 50 से अधिक लोग घायल हुए।<br /><br />आंतकवादियों के आत्मघाती दस्ते ने विस्फोटकों से भरी हुई कार को भारतीय दूतावास के गेट से सीधे टकरा दिया। यह घटना उस समय घटी जब लोग दूतावास में वीज़ा आवेदन देने के लिए लाइन में लगे थे। मरने वालों की संख्यां में बढोतरी भी हो सकती है। इसमें ब्रिगेडियर मेहता के अलावा और भारतीय थे या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।<br /><br />भारत सरकार ने इस घटना की निंदा की है और कहा है कि इस प्रकार के हमले से आंतकी भारत को अपनी जिम्मेवारी निभाने से नहीं रोक पायेगें। उल्लेखनीय है कि भारत और अफगानिस्तान के बीच ऐतिहासिक और मधुर रिश्ते रहे हैं।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-64626589477069600492008-07-06T20:52:00.003+05:302008-07-06T20:57:56.267+05:30लाल मस्जिद के पास धमाका 10 की मौतपाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद स्थित लाल मस्जिद के पास एक पुलिस चौकी में हुए धमाके में 10 लोगों की मौत हो गई। इनमें नौ पुलिस वाले शामिल हैं। कहा जाता है कि लाल मस्जिद में पिछले साल सेना की कार्रवाई का एक साल पूरा होने के मौके पर धमाका किया गया। इस घटना की सभी लोगों ने निंदा की।<br />भारत को तबाह करने की मकसद से तैयार किये गये आंतकवादियों से आज पाकिस्तान खुद परेशान है। कहा जा रहा है कि भारत को तबाह करने के लिये पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर आंतकवादी तैयार किये। उनलोगों को पाक सरकार ने सेना के कैंप में ट्रैनिंग दिलवाई। भारत में आज भी जगह जगह विस्फोट हो रहे हैं। लेकिन इससे पाकिस्तान खुद भी नहीं बच पाया है। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर मारी गई। आज फिर विस्फोट हो गया।<br /><br />पाकिस्तान ने जो भारत के लिये जहर का बीज बोया है उससे निपटने के लिये भारत ने तैयारी कर रखी है। हां यह जरूर है कि कहीं कहीं विस्फोट हो जाता है लेकिन पाकिस्तान का क्या होगा? कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर आंतकवादियों का कब्जा हो सकता है। इसके अलावा पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्सें में खुद पाकिस्तान सरकार की पकड़ नहीं हैं वहां आंतकवादियों ने कब्जा कर रखा है। वहां पर उन्हीं का कानून चलता है। और इसी नाम पर अफगानिस्तान में जमे अमेरिकी सैनिक पाक सीमा में घुस कर हमला करता रहता है। एक देश के लिये इससे अधिक अपमान की बात और क्या हो सकती है। अभी भी समय है यदि पाकिस्तान नहीं संभला तो वो दिन दूर नहीं जब आंतकवादी खुद पाकिस्तान को निगल जायेंगे और वहां अमेरिकी हुकूमत का शासन होगा।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-78897139766526765282008-06-25T22:59:00.001+05:302008-06-25T23:00:40.805+05:30सांसद सूरजभान को उम्र कैदअपराधी से नेता बने सांसद सूरजभान सिंह और उसके दो सहयोगी जयराम सिंह और राधे सिंह को बेगूसराय के फास्ट ट्रेक कोर्ट के न्यायाधीश आर पी दूबे ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। सूरजभान और इसके लोगो ने 16 जनवरी 1992 को बेगूसराय के एक किसान रामी सिंह की हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि जमीन विवाद को लेकर रामाधार सिंह की हत्या हो गई। रामाधार सिंह सूरजभान से जुड़ा हुआ था। रामाधार सिंह की हत्या का बदला लेने की मकसद से सूरभान सिंह ने रामी सिंह को मार गिराया।<br /><br />रामी सिंह की हत्या में सूरजभान के अलावा पांच लोगो को आरोपी बनाया गया था। तीन को तो सजा हो गई। सुरो सिंह और शंकर सिंह को पुलिस ने एक एनकांउटर में मार गिराया था। बहरहाल बिहार में आंतक फैलाने वाले सूरजभान के खिलाफ पटना उच्च न्यायलय की हिदायत थी इस मामले को 30 जून से पहेल निपटा ले।<br /><br />सूरजभान सिंह का नाम बिहार अपराध जगत में जाना माना नाम है। हत्या, अपहरण और कई तरह के अपराध के लिये कुख्यात सूरजभान हमेशा अपराध कर कानूनी दांव पेंच और गवारों को डरा धमका कर बचता रहा है लेकिन इस बार वह बच नहीं सका।<br /><br />लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद बनने से पहले सूरजभान अपराध जगत का डॉन था। लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष राम विलास पासवान के आशिर्वाद से सूरजभान बिहार के बलिया संसदीय सीट से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। जिस समय सूरजभान को टिकट दिया जा रहा था उस समय उनके पार्टा के कई लोगों ने इसका विरोध किया था। लेकिन लोजपा नेता पासवान ने सूरजभान को सिर्फ पार्टी टिकट हीं नहीं दिया बल्कि उसे जिताने के लिए पूरी ताकत लगा दी।<br /><br />कहा जाता है कि हर राजनीतिक दल ने अपने अपने पार्टियों में अपराधी छवि वाले बाहुबलियों को भर रखा है। उसी से टक्कर लेने के लिए लोजपा नेता ने सूरजभान को पार्टी में शामिल किया गया। और सूरजभान ने लोजपा नेता को यही आश्वासन दिया था कि यदि आपको बाहुबल की जरूरत होगी तो मैं आपके लिये तैयार हूं।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-57247243437183431412008-05-30T20:33:00.001+05:302008-05-30T20:37:30.922+05:30आजीवन कारावास विकास और विशाल कोदिल्ली की एक स्थानीय अदलात ने नितिश कटारा हत्या कांड में विकास यादव और विशाल यादव को आजीवन कारावास और एक लाख साठ हजार रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई है। नितिश की हत्या फरवरी 2002 में कर दी गई थी। और इस हत्या का आरोप लगा था विकास और विशाल पर क्योंकि विकास को अपनी बहन भारती यादव और नितिश कटारा की दोस्ती पंसद नहीं थी। सज़ा सुनाए जाने के बाद नितिश कटारा की माँ नीलम कटारा ने कहा वे इस फ़ैसले पर न्यायालय का सम्मान करती हैं। दूसरी ओर डी पी यादव ने कहा कि उनके बेटे और भतीजे को जान बुझ कर फंसाया गया है।<br />ये मामला इसलिए सुर्खियों में हमेशा रहा क्योंकि विकास उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता डीपी यादव के बेटे हैं और नितीश एक आईएएस अधिकारी के बेटे थे।<br /><br />बाहुबली नेता डीपी यादव ने कहा कि अपने बेटे और भतीजे के लिए वो इस फ़ैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे. वहीं नितिश की मां ने कहा कि वे न्याय के लिए लड़ाई जारी रहेगी। इस मामले में कुल 42 गवाह पेश किये गये। नितिश कटारा की मां के अनुरोध पर इस केस की सुनवाई गाजियाबाद से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।<br /><br />बहरहाल पुलिस के अनुसार 16-17 फरवरी, 2002 की रात नितीश कटारा का ग़ाज़ियाबाद से अपहरण किया गया था और फिर उनकी हत्या कर दी गई। नितिश के परिवार वालों का कहना है कि विकास और विशाल ने नितीश कटारा की इसलिए हत्या की थी क्योंकि उन्हें अपनी बहन भारती यादव से उसकी दोस्ती पसंद नहीं थी।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-51949187385461915692008-05-22T17:15:00.001+05:302008-05-22T17:17:26.717+05:30हीरोइन ने की ब्वॉय फ्रेंड की हत्या, 300 टुकड़े किए अपने दूसरे ब्वॉय फ्रेड के साथ मिलकरबालाजी टेलिफिल्म के क्रिएटिव हेड नीरज ग्रोवर की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। उसके करीब 300 टुकड़े किए गए। ये हत्या किसी दुश्मन ने नहीं बल्कि रात भर उसके साथ रहने वाली उसकी गर्ल फ्रेंड और कन्नड़ फिल्म की हीरोईन मोनिका मारिया ने अपने दूसरे ब्वॉय फ्रेंड लेफ्टिनेंट एम एल मैथ्यू के साथ मिलकर की है। नीरज पिछले 6 साल से मारिया के साथ था और मैथ्यू पिछले तीन साल से। मारिया दोनो के साथ रात में रहा करती थी। नीरज मुंबई में था और मैथ्यू कोच्ची में। नीरज की हत्या के बाद मैथ्यू और मोनिका हमविस्तर हुए। इसके बाद मारिया बाजार से पेट्रोल और चाकू आदि सामान लाने चली गई। इधर मैथ्यू नीरज को टुकड़े करने में लगा रहा।<br /><br />मैथ्यू 6 मई की रात कोच्ची से मुंबई में मारिया को फोन करता है। बातचीत के दौरान मारिया के घर से किसी लड़के की आवाज सुनाई देती है फोन पर मैथ्यू को। मैथ्यू पूछता है मारिया से, घर में कौन है तुम्हारे साथ। मारिया बताती है नीरज है मुझे शिफ्टिंग में मदद कर रहा है। इस पर मैथ्यू ने कहा कि नीरज रात में नहीं रुकेगा। मारिया ने भी वायदा किया कि वह अपने घर चला जायेगा। पर नीरज अपने घर नहीं गया और रात भर मोनिका और नीरज एक साथ रहे।<br /><br />मारिया को क्या पता कि उसका दूसरा ब्वाय फ्रेंड सुबह सुबह उसके घर पहुंच जायेगा। हुआ ये कि मैथ्यू नीरज की रात में मारिया के घर मौजूदगी की खबर सुनकर पागल हो गया। उसे विश्वास नहीं हुआ कि नीरज रात में अपने घर चला जायेगा इसलिए मैथ्यू ने देर रात की फ्लाइट पकड़कर मुंबई आ गया और जब मोनिका के घर पहुंचा तो नीरज को पाकर वह पागल हो गया। दोनो के बीच मारपीट हुई। बताया जाता है कि इसी दौरान लेफ्टिनेंट मैथ्यू ने नीरज की हत्या कर दी।<br /><br />एक तो नीरज की हत्या उसके बाद फिर मोनिका और मैथ्यू का घिनोना खेल शूरू हुआ। मोनिका के सेक्स में पागल हो चुका मैथ्यू ने मोनिका के साथ मिलकर मैथ्यू के टुकड़े टुकड़े कर दिए। चाकू भी खरीद मोनिका ही लेकर आई थी। कुल तीन सौ टुकड़े। उसे दो बैग में रखा गया और मुंबई से लगे थाणें शहरे के मनोर के जंगल में जला दी।<br /><br />अगले दिन मोनिका नीरज के दोस्त के साथ मिलकर मालाड थाने में नीरज की गुम होने की रिपोर्ट लिखवाती है। लेकिन पुलिस की पुछताछ और लगातार दबाव के कारण आखिर मोनिका अपनी गुनाह कबूल करती है। मोनिका और मैथ्यू दोनो को हीं गिरफ्तार कर लिया गया है।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-14241038539530437392008-05-16T18:13:00.002+05:302008-05-16T18:20:38.150+05:30इनक्रीमेंट के कुरूक्षेत्र का गीता-ज्ञान<strong>राम मणि पांडे एक टीवी चैनल से जुड़े पत्रकार है। हर साल चर्चा होती है कि इसबार किस कंपनी ने कितना इनक्रीमेंट दिया है और कितना नहीं। इनक्रीमेंट पर पत्रकार पांडे जी ने गीता-ज्ञान दिया है। पत्रकार बंधु आप पढेगें तो आप भी सराहना करेंगे</strong> -<br /> इनक्रीमेंट अच्छा नहीं हुआ, बुरा हुआ…<br />इनसेंटिव नहीं मिला, ये भी बुरा हुआ…<br />वेतन में कटौती हो रही है बुरा हो रहा है, …..<br /> तुम पिछले इनसेंटिव ना मिलने का पश्चाताप ना करो,<br />तुम अगले इनसेंटिव की चिंता भी मत करो,<br />बस अपने वेतन में संतुष्ट रहो….<br />तुम्हारी जेब से क्या गया,जो रोते हो?<br />जो आया था सब यहीं से आया था …<br /> तुम जब नही थे, तब भी ये कंपनी चल रही थी,<br />तुम जब नहीं होगे, तब भी चलेगी,<br />तुम कुछ भी लेकर यहां नहीं आए थे..<br />जो अनुभव मिला यहीं मिला…<br />जो भी काम किया वो कंपनी के लिए किया,<br />डिग़्री लेकर आए थे, अनुभव लेकर जाओगे….<br />जो कंप्यूटर आज तुम्हारा है,वह कल किसी और का था….<br />कल किसी और का होगा और परसों किसी और का होगा..<br />तुम इसे अपना समझ कर क्यों मगन हो ..<br />क्यों खुश हो…यही खुशी तुम्हारी समस्त परेशानियों का मूल कारण है…<br />क्यो तुम व्यर्थ चिंता करते हो, किससे व्यर्थ डरते हो,कौन तुम्हें निकाल सकता है… ?<br />सतत "नियम-परिवर्तन" कंपनी का नियम है…<br />जिसे तुम "नियम-परिवर्तन" कहते हो, वही तो चाल है…<br />एक पल में तुम बैस्ट परफॉर्मर और हीरो नम्बर वन या सुपर स्टार हो,<br />दूसरे पल में तुम वर्स्ट परफॉर्मर बन जाते हो ओर टारगेट अचीव नहीं कर पाते हो..<br />ऎप्रेजल,इनसेंटिव ये सब अपने मन से हटा दो,अपने विचार से मिटा दो,<br />फिर कंपनी तुम्हारी है और तुम कंपनी के…..<br />ना ये इन्क्रीमेंट वगैरह तुम्हारे लिए <span class=""> है न </span>तुम इसके लिये हो,<br />परंतु तुम्हारा जॉब सुरक्षित हैफिर तुम परेशान क्यों होते हो……..?<br />तुम अपने आप को कंपनी को अर्पित कर दो,मत करो इनक्रीमेंट की चिंता…<br />बस मन लगाकर अपना कर्म किये जाओ…<br />यही सबसे बड़ा गोल्डन रूल हैजो इस गोल्डन रूल को जानता है..वो ही सुखी है…..<br />वोह इन रिव्यू, इनसेंटिव ,ऎप्रेजल,रिटायरमेंट आदि के बंधन से सदा के लिए मुक्त हो जाता है….<br />तो तुम भी मुक्त होने का प्रयास करो और खुश रहो….. तुम्हारा बॉस कृष्ण … ये सुनकर तो हम तो शांत हो गये…आपका क्या विचार है……राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-26492341349178368992008-05-15T21:14:00.002+05:302008-05-15T21:21:38.185+05:30आमिर खान मानसिक रूप से बीमार<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjyB-yeGfwkVE-rNdk4AZ1Ee2ttxM6OGPBNcZai-iaNgN5z5K65NjOvzRu6Vf-djG9pMasc4DvVqGdhV1I_qVloxoViIgkLA-FsPeRon2hg6ecGtdIYNCOTKyTB9KIZvzzZVSMfuikB1ZY/s1600-h/amir.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5200632631975948050" style="FLOAT: left; MARGIN: 0px 10px 10px 0px; CURSOR: hand" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjyB-yeGfwkVE-rNdk4AZ1Ee2ttxM6OGPBNcZai-iaNgN5z5K65NjOvzRu6Vf-djG9pMasc4DvVqGdhV1I_qVloxoViIgkLA-FsPeRon2hg6ecGtdIYNCOTKyTB9KIZvzzZVSMfuikB1ZY/s320/amir.jpg" border="0" /></a> <span class="">फिल्मी</span> दुनिया के हीरो आमिर खान मानसिक रूप से बीमार हो गये। घर परिवार नहीं बसने के कारण आमिर खान बेहद परेशान हैं। तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन नाकामी ही मिल रही है। पारिवारिक जीवन भी सुखद नही है और फिल्मी दुनियां में भी आमिर अलग थलग पड़ चुके हैं। ऐसा मानना है फिल्म समीक्षको का।<br /><br />आमिर अपने छोटे भाई फैज़ल खान के बारे में कहते है कि उनका मानसिक स्थिति अच्छा नहीं है जबकि फैजल का मानना है कि वह बिल्कुल सही है। अब फैजल की बातो में दम लगने लगा है कि वह सही है। मुझे लगता है कि आमिर खान मानसिक रूप से बीमार है यदि ऐसे नहीं होता तो वे कभी भी अपने कुत्ते का नाम शाहऱूख नहीं रखते।<br /><br />आमिर ने अपने ब्लॉग में अपने कुत्ते का नाम शाहरूख बताया है। आप सभी जानते है कि शाहरूख खान एक बढिया हीरो है। फिल्म के अलावा टीवी और क्रिकेट की दुनियां में शाहरूख छाये हुए हैं। आमिर के पास उतना काम नही जितना शाहरूख के पास है। इस बात को लेकर आपसी जलन हो सकती है लेकिन कोई आम इंसान ऐसी हरकत नहीं करेगा कि देश दुनिया में चर्चित एक अच्छे इंसान के नाम को अपने कुत्ते का नाम दे दे।<br /><br />आमिर खान ने अपने ब्लॉग में क्या लिखा -' मैं एक पेड़ के नीचे अपनी अम्मी और जुनैद के साथ बैठा गेम खेल रहा हूं और शाहरुख मेरे पांव चाट रहा है। मैं बीच-बीच में शाहरुख को बिस्किट्स दे रहा हूं। इससे ज्यादा और मुझे क्या चाहिए ? इससे पहले कि आप किसी निष्कर्ष पर पहुंचें , मैं आपको बता दूं कि शाहरुख एक कुत्ते का नाम है। इस कुत्ते का नाम शाहरुख रखने में मेरा कोई हाथ नहीं है। '<br />इसके अलावा और भी बातें आमिर ने लिखा है। इसस पहले आमिर ने शाहरूख खान को बॉलीवुड का नम्बर दो हीरो बताया था। लेकिन शाहरूख खान ने उस समय भी और आज भी शाहरूख को कोई जवाब नहीं दिया। आमिर खान जिस तरह की हरकते कर रहे है उससे यही लगता है कि उनकी मानसीक स्थिति अच्छी नही हैं। अब यही लगने लगा है कि आमिर का भाई फैसल बिल्कुल सही हालात में है और बीमार आमिर खान है। आमिर को इलाज की जरूरत है।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-24191915246286295172008-05-13T21:40:00.000+05:302008-05-13T21:41:46.667+05:30जयपुर में आंतकवादी हमला 60 की मौतजयपुर में सिलसिलेवार 7 धमाके हुए जिसमें 60 लोगों की मौत की खबर है। और सौ से अधिक लोगों के घायल होने की ख़बरें हैं।ये विस्फोट पुराने जयपुर शहर के चारदीवारी वाले हिस्से में हुए हैं। विस्फोट जौहरी बाज़ार, त्रिपोलिया बाज़ार, चाँद पोल और माणक चौक इलाक़े में हुए हैं। एक विस्फोट हनुमान मंदिर के पास हुआ है जहाँ मंगलवार होने के कारण लोगों के बड़ी भीड़ थी। जयपुर और राजधानी दिल्ली समेत सभी बड़े शहरो में हाई एलर्ट का एलान कर दिया गया है। इससे पहले पिछले साल अक्तूबर में राजस्थान के अजमेर में विस्फोट हुए थे। दो दिन पहले हीं जम्मू कश्मीर में भी आंतकवादी हमले में 6 लोग मारे गये थे। इसके पीछे लश्करे तयैब्बा का हाथ बाताय जा रहा है। विस्फोट मे आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया है ऐसा माना जा रहा है।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-76898469363275277232008-05-11T22:29:00.001+05:302008-05-11T22:32:01.760+05:30एक भैया ने मेरी इज्जत की रक्षा की किसी मराठी ने नहीं। मैं भी ठाकरे हूं लेकिन ठाकरे परिवार को वोट नहीं दूंगी।आमतौर पर व्यक्तिगत तौर पर मैं अपना यात्रा वृतांत नहीं लिखता लेकिन इस बार लिखने को मजबूर हूं। छोटा सा हीं सही पर लिख रहा हूं क्योंकि करोड़ो आबादी से जुड़ा मसला है।<br /><br />मैं शनिवार को तपोवन एक्सप्रेस से नाशिक से मुंबई आ रहा था। ट्रेन में भीड़ थी। मैंने पहले हीं सीट बुक करा लिया था इसलिये मुझे कोई खास दिक्कत नहीं हुई। नाशिक से ही एक महिला अपने दो बच्चों के साथ ट्रैन में चढी मुंबई आने के लिए। उक्त महिला की पुत्री 14 साल की होगी। बेटा 10 साल के आसपास। भीड़ के कारण यात्रा करने में लोगो को दिक्कते हो रही थी। ट्रेन खुलने के साथ हीं कुछ बदमाश किस्म के लड़कों का एक ग्रुप उक्त महिल और उसकी पुत्री के साथ जान बुझकर अपने शरीर से धक्का मार रहा था। और नाटक इस प्रकार से कर रहा था कि मानों भीड़ के दबाव के कारण ही महिला के साथ उसका शरीर उसकी ओर झूक रहा है। हरकते बढती जा रही थी।<br /><br />ऐसे में मैंने अपना सीट उस महिला को दे दिया। फिर वे अपनी और अपनी बच्ची को किसी तरह गुंडे किस्म के लड़कों से बचा पायी। मैं खडे रहा। हमारी कोई बातचीत नहीं हुई। चार घंटे का सफर था। वे मेरी सीट मुझे देना चाहती थी पर हालात ऐसे नहीं थे कि वे मुझे सीट दे सके। बहरहार तीन घंटे की यात्रा के बाद हमलोग कल्याण स्टेशन पहुंचे। यहां पर काफी लोग उतरे। ट्रेन में जगह बन गई थी। मैं भी बैठ गया। मुझे दादर उतरना था। उक्त महिला को भी दादर उतरना था। हमारी बातचीत शुरु हुई। बातचीत के दौरान वे महिला जान गई कि मैं बिहार का रहने वाला हूं।<br /><br />उन्होंने खुद राजनीतिक बातें शुरू करते हुए कहा कि मुझे और मेरी बेटी को परेशान करने वाले सभी मराठी थे। लेकिन मेरी मदद किसी मराठी ने नहीं की आपने की, जिसे राज ठाकरे भैया कह कर अपमानित करता है। मैं भी ठाकरे हूं । और शिव सेना को वोट करती आयी हूं लेकिन आज के बाद न तो राज ठाकरे की पार्टी को वोट दूंगी और न हीं शिव सेना को। किसी को वोट नहीं दूंगी। मैं सुनता रहा दादर आने वाला था। इस कथन पर मैं इतना ही कह पाया कि हर जगह और हर समाज में अच्छे और बुरे लोग रहते हैं। उनकी पुत्री ने मेरा इतना आभार प्रकट किया कि ये यादें याद के तौर पर मुझे लिखने को मजबूर कर दिया। <strong>जय हिन्द।</strong>राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-64395669406076367822008-05-04T18:31:00.002+05:302008-05-04T18:37:29.672+05:30उत्तर भारतीयों पर टिप्पणी करने वाले राज ठाकरे शरद पवार से बहुत डरते हैं<div align="justify">मनसे नेता राज ठाकरे ने एक बार फिर उत्तर भारतीयों पर कड़ी टिका टिप्पणी की है। उत्तर भारतीयों पर हमला और बयानबाजी करना राज ठाकरे की मजबूरी है। इसके अलावा वे और कुछ भी नहीं कर सकते। क्योंकि कांग्रेस और एनसीपी के खिलाफ राज कुछ नहीं बोल सकते क्योंकि एक तो इन राजनीतिक दलों के साथ मनसे का तालमेल है दूसरा महाराष्ट्र में कांग्रेस के जो नेता हैं वे राज से काफी ताकतवार हैं। आज की तारीख में हर क्षेत्र में राज को धूल चटा सकते हैं। जहां तक एनसीपी का सवाल है तो शरद पवार के रहते राज की इतनी हिम्मत नहीं होगी कि एनसीपी पर कोई कड़ी टिप्पणी कर सके। अब बचा भाजपा और शिव सेना तो ये दोनो ही पार्टिंयां राज पर भारी है। ऐसे में राज के पास सिर्फ यही चारा है कि वे उत्तर भारतीयों पर टिप्पणी कर अपना प्रचार कर सके।</div><div align="justify"><br />मनसे नेता राज जानते हैं कि उत्तर भारतीय जो यहां नौकरी के लिए आये हैं वे कुछ नहीं कर पायेंगे। इसलिए उत्तर भारतीय टैक्सी वालों की पिटाई हुई। आंतक का माहौल पैदा किया गया।</div><div align="justify"><br />एनसीपी नेता और प्रधानमंत्री स्तर के कदावर नेता शरद पवार ने जब राज की रैली से पहले राज को निशाना बनाते हुए कहा कि अलगाववादी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। अलगाववादी आमतौर पर आंतकवादियों के लिए उपयोग में लाया जाता है। बावजूद राज ठाकरे की हिम्मत नहीं हुई कि शरद पवार के बयान पर टिप्पणी कर सके। </div><div align="justify"><br />समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने कहा कि किसी गरीब को क्यों मारते पिटते हो। हिम्मत है तो हमारी ओर एक भी पत्थर फेक कर दिखाओ तो बताता हूं कि तूम कितने बड़े गुडें हो। भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे ने सिर्फ इतना ही कहा कि समाज में नफरत फैलाने के काम को रोका जाना चाहिए।<br /> </div><div align="justify">कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने कहा कि राज काफी औच्छी और नीचे स्तर की राजनीति कर रहे हैं। बचकाना राजनीति हैं। राज के बयान के खिलाफ जांच होनी चाहिए। दो समाज के बीच नफरत फैलाने का काम कर रहें हैं।<br /> <strong>बहरहाल राज ठाकरे चाहे जितनी भी बातें करे लेकिन एनसीपी नेता शरद पवार के खिलाफ बोलने से डरते हैं। वे जानते हैं कि शरद पवार से यदि दुश्मनी मोल ली तो उनकी राजनीति कमजोर पड़ जायेगी। शरद पवार ने राज को बतौर अप्रत्क्ष अलगाववादी तत्व कहा फिर भी राज शांत। मुंबई आईपीएल की टीम में कई उत्तर भारतीय खिलाड़ी खेल रहे हैं फिर राज मौन। यह भी मामला जुड़ा है शरद पवार से। शरद पवार बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं। इसलिए राज प्रांतवाद की राजनीति आगे भी करते रहे तो आश्चर्य नहीं होनी चाहिये। </strong></div>राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-12018354301064968222008-05-02T20:11:00.003+05:302008-05-02T20:29:08.292+05:30दाउद करवा सकता है अरुण गवली की हत्या पुलिस कस्टडी मेंअंडरवर्ल्ड डॉन से विधायक बने अरूण गवली की हत्या पुलिस कस्टडी में भी हो सकती है। क्योंकि उसका जानी दुश्मन है अपराध दुनिया का बेताज बादशाह और अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहीम। ऐसा मानना है मुंबई पुलिस का। इसलिए मकोका के तहत गिरफ्तार अरूण गवली को जो भी खाना दिया जाता है उसकी जांच होती है। चाहे वह भोजन उसके घर से हीं क्यों न आया हो। जांच का एक हिस्सा यह भी है कि डॉन-विधायक के लिए जो भोजन लेकर आता है पहले उसे हीं खिलाया जाता है और दो घंटे तक इतंजार किया जाता है। जब यह तय हो जाता है कि भोजन में कुछ नहीं था तब जाकर अरूण गवली को भोजन दिया जाता है।<br />जब मुंबई में गैंगवार अपने चरम पर था तब दाउद इब्राहीम ने अरूण गवली के भाई पापा गवली को मरवा दिया था। इसके जवाब में गवली ने दाउद की बहन हसिना पारकर के पति इब्राहिम पारकर की हत्या करवा दी थी। इसके बाद से दोनो के बीच लगातार गैंगवार होता रहा। इब्राहीम पारकर की हत्या के आरोप में पुलिस ने अरुण गवली के खास शूटर नीलेश हरदनकर और सचिन डेरे को गिरफ्तार किया था और दाउद किसी भी कीमत पर इन दोनो शुटरों को उड़ाना चाहता था।<br />इसके लिए तैयारियां की जाने लगी। दाउद ने नीलेश और सचिन की हत्या की जिम्मेवारी अपने खास शूटर सुभाष ठाकुर को सौंपी। सुभाष इसकी तैयारी करने लगा। तैयारी के बीच हीं दाउद को मालुम चला की नीलेश और सचिन को जे जे हॉस्पीटल में दाखिल कराया गया है। फिर क्या था दोनो को वही ढेर करने की योजना को अमली जामा पहनाने का फैसला कर लिया गया। सुभाष ठाकुर के साथ कई लोग जुडे जिसमें ब्रजेश सिंह भी था जिसे कुछ महीने पहले हीं गिरफ्तार किया गया है।<br />जे जे हॉस्पीटल में हमला किया गया। पहली बार आधुनिकतम हथियार ए के 47 का इस्तेमाल किया गया। इस हमले दो पुलिस वालों और एक हत्या का आरोपी शूटर हरदनकर मारा गया। पुलिस ने काफी बहादुरी दिखाई लेकिन ए के 47 के सामने वे कर भी क्या सकते थे। इस गोलीबारी के बाद अंडरवर्ल्ड की दुनिया में दाउद का सिक्का इतना मजबूत हुआ कि उसने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा।<br />बहरहाल, दाउद से अलग हुए अरुण गवली, छोटा राजन और अबू सलेम को हमेशा ही दाउद से खतरा बना हुआ है। इनमें से अबू सलेम जेल में है। बताया जाता है कि पुर्तगाल में अबू सलेम की गिरफ्तारी में डी कंपनी का ही हाथ था। बैंकाक में छोटा राजन पर भी जबरदस्त हमला हो चुका है। अरूण गवली एक बार फिर पुलिस के हथे चढ गया है। कहा जा रहा है कि दाउद गवली को उड़ाने के लिए कुछ भी कर सकता है। अरुण गवली मकोका की धाराओं में मुंबई के पुलिस मुख्यालय के लॉकअप में बंद हैं।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7434697569533050320.post-3181772522841714272008-04-30T18:31:00.002+05:302008-04-30T18:34:26.637+05:30अबू सलेम की हत्या के लिए डी कंपनी को सुपारीडी कंपनी के कभी खासमखास रहे अबू सलेम की कभी भी हत्या हो सकती है। इसके लिए एक अंतरराष्ट्रीय आंतकी संगठन ने अंडर वर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम को सुपारी दी है। इस बात का खुलासा किया है मुंबई पुलिस ने। मुंबई पुलिस ने बम्बई उच्च न्यायलय में एक हलफनामा दायर की है कि मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को कहीं भी बाहर पेशी के लिए न भेजा जाये। उसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था की मांग की है पुलिस ने।<br />पुलिस ने ऐसा क्यों कहा है कि किसी आंतकी संगठन ने दाऊद कंपनी को सलेम की हत्या के लिए कान्ट्रेक्ट दिया है यह तो मुंबई पुलिस ही जानती है। क्योंकि सलेम को मारने के लिए दाऊद किसी से कान्ट्रेक्ट क्यों लेगा? यह अहम सवाल है। आखिर किस आंतकी संगठन से सलेम को खतरा है और क्यों? इसका उत्तर मुंबई पुलिस ही दे सकती है या खुद सलेम।<br />डी कंपनी सलेम को मारना चाहता तो उसी समय मार गिराता जब दाउद के इजाजत के बिना उसने गुलशन कुमार की हत्या करवा दी थी। बताया जाता है कि दाऊद के भाई अनिस ने गुलशन की हत्या और डी कंपनी को गुमराह करने के लिए सलेम को काफी डांटा था। कुछ लोगों का यह भी कहना था कि अनिस इब्राहीम और छोटा शकील डी कंपनी की इच्छा के खिलाफ काम करने के लिए सलेम को मौत की घाट उतार देना चाहता था लेकिन अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद ने ऐसा करने से मना कर दिया। वह नहीं चाहता था कि दुबई में किसी हत्याकांड को अंजाम दिया जाय। डॉन दाउद के मना करने के बाद सलेम को बख्श दिया गया, इस चेतावनी के साथ कि वह भारत और दुबई से दूर रहे। इसके बाद सलेम दुनिया के कई देशों में इधर से उधर आता जाता रहा और अपना दहशत का कारोबार चलाता रहा।<br />इस बीच सलेम ने इतनी ताकत बना ली थी कि वह दाउद को कई जगहों पर चुनौती देने लगा था। यहां तक कि मुंबई में भी। उत्तर प्रदेश और खासकर आजमगढ से आये शूटर सलेम के काफी निकट बताये गये। ये शूटर दाउद के लोगों को भी परेशान करने लगा था। एक दिन मालूम चला कि अबू सलेम पुर्तगाल में है। बस क्या था डी कंपनी के लोगों ने पुर्तगाल पुलिस को खबर कर दी। पुर्तगाल पुलिस ने सलेम को गिरफ्तार कर कुछ शर्त के साथ भारत को सौंप दिया। तब से वह जेल में हैं।राजेश कुमारhttp://www.blogger.com/profile/03022479793930240428noreply@blogger.com1